मधुबनी : भारत सरकार के निर्देशानुसार जिले में कोविड-19 वैश्विक महामारी के नियंत्रण के लिए टीकाकरण प्रारंभ हो गया. कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी अमित कुमार के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार प्राथमिकता के स्तर पर पहले स्वास्थ्यकर्मी को वैक्सीन लगाई गई. प्रत्येक स्थल पर 100 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था. निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार सबसे पहले कोविड 19 वैक्सीन हेल्थकेयर कर्मियों यानी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और स्वास्थ्य से जुड़े लोगों को दी गई. सदर अस्पताल के एसएनसीयू में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मी अविनाश कुमार मिश्रा को प्रथम टीका लगाया गया.
निर्वाचन बूथ के अनुसार बनाया बनाया गया था टीका केंद्र
टीकाकरण के लिए सत्र स्थल का निर्धारण निर्वाचन बूथ के अनुसार किया गया था. सदर अस्पताल में एएनम छात्रावास परिसर में टीका केंद्र बनाया गया था. जहां सर्वप्रथम जीएनएम किरण कुमारी एवं पूजा कुमारी के द्वारा लाभार्थी का थर्मल स्क्रीनिंग, लिस्ट से नामों का मिलान तथा हाथों को सैनिटाइज करवाया जा रहा था उसके बाद सबसे पहला कमरा वेटिंग एरिया बनाया गया था जहां लाभार्थी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क पहने हुए थे. जहां उन्हें अपनी बारी का इंतजार कराया जा रहा था. दूसरा कक्ष टीकाकरण के लिए बनाया गया था जहां लाभार्थी को टीका लगाया जा रहा था तथा तीसरा कक्ष टीकाकरण के पश्चात 30 मिनट तक लाभार्थी की के निगरानी, देखभाल, ऑब्जरवेशन के लिए बनाया गया था.
एक व्यक्ति को कोरोना का दो टीका लगेगा
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया एक व्यक्ति को कोरोना का दो टीका दिया जाएगा. टीकाकरण का दूसरा डोज 28 दिनों के अंदर ही दोहराया जायेगा. जिन चयनित लाभार्थी को टीकाकरण के लिए कोविशील्ड वैक्सीन दिया गया है उन्हें दूसरे डोज में कोविशील्ड वैक्सिीन ही दी जायेगी. वैसे जिले को कोविशील्ड वैक्सीन ही प्राप्त हुई है कोविशील्ड के प्रत्येक वाइल में 10 डोज है. यानी इसके एक वाइल से 10 लोगों को टीकाकृत किया जा सकेगा.
चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अविनाश मिश्रा को लगा पहला टीका
एसएनसीयू में कार्यरत चतुर्थवर्गीय कर्मचारी अविनाश मिश्रा को वैक्सीन का पहला टीका लगाया जाएगा. दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान मिश्रा ने “फ्रंटलाइन हेल्थकेयर कार्यकर्ता” के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी. मिश्रा ने आरटी पीसीआर सैंपल संग्रह वाहन में सैंपल ले जाने में कार्य किया था उन्होंने सैंपल को मुजफ्फरपुर तथा पटना पहुंचाया था.अविनाश ने बताया मैं अस्पताल एसएनसीयू वार्ड में कार्य करता हूं हमेशा मरीजों का आना जाना लगा रहता है कोविड संक्रमण का डर बना रहता है टीका लग जाने से मैं तथा मेरा परिवार सुरक्षित रहेगा इसीलिए टीका लगवाना आवश्यक था.
एईएफआई कीट रही व्यवस्था
टीकाकरण के दौरान टीका प्राप्त लाभार्थी में किसी प्रकार की सामान्य एवं गंभीर एडवर्स इवेंट फॉलोइंग यूनाइजेशन (एईएफआई) की समस्या होने पर आवश्यकता अनुसार जांच एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी. कोविड-19 के टीकाकरण के उपरांत यदि किसी लाभार्थी में एएसआई के गंभीर लक्षण परिलक्षित होने पर अस्पताल में रेफर किए जाने के लिए रोगी को एंबुलेंस की सुविधा के साथ-साथ एक चिकित्सक को अलर्ट मोड में रहने की व्यवस्था की गई थी.
कोविड-19 की वैक्सीन है सभी के लिए सुरक्षित
जिलाधिकारी अमित कुमार ने कहा ने बताया कोविड का टीका सभी प्रमाणित वैक्सीन पूरी प्रक्रिया के गुजरने का बाद ही स्वीकृत की गयी है और पूर्णतया सुरक्षित है. चरणवार तरीके से इसे सभी को उपलब्ध कराने की सरकार की योजना है . टीकाकरण के पश्चात लाभार्थी को किसी प्रकार की परेशानी के प्रबंध के लिए सत्र स्थल पर एनाफलीसिस किट एवं एईएफआई किट की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की गई है तथा इसके लिए सम्बंधित टीका कर्मी व चिकित्साकर्मी को प्रशिक्षण भी दिया गया है.
पूरे देश में आज टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है. काफी कठिन परिस्थितियों से गुजरने के बाद आज लोगों के बीच कोविड-19 का टीका उपलब्ध हुआ है. प्रथम चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीका दिया जा रहा है. इसके लिए जिले में 11 सत्र स्थल बनाया गया है जहां प्रत्येक सत्र पर 100 लोगों को शाम 5:00 बजे तक टीका दिया जाएगा. रविवार को टीका नहीं दिया जाएगा. साथ ही बुधवार और शुक्रवार को नियमित टीकाकरण होने के कारण कोविड-19 का टीकाकरण नहीं दिया जाएगा.
18 साल से कम उम्र, गर्भवती महिला तथा गंभीर रोगियों को नहीं लगेगा टीका
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया केंद्र सरकार के निर्देशानुसार सभी कार्य किया जा रहा है. सभी तैयारियां पूरी है लाभार्थी का लिस्ट तैयार है. कोविन पोर्टल पूरी तरह से कार्य कर रहे हैं. प्रत्येक सत्र स्थल पर लाभार्थी का लिस्ट भेजा जा चुका है माइक्रो प्लानिंग किया गया है. राज्य से सारे लॉजिस्टिक प्राप्त हो चुके हैं. किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी गई है.18 साल से उपर के लोगों को टीका लगेगा, गर्भवती महिला, गंभीर रोगियों को टीका नहीं लगेगा 28 दिनों के अंदर फिर से लाभार्थी को टीका लेना होगा तभी 45 दिनों के बाद उनमें प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
कोविड-19 के अनुरूप व्यवहारों का पालन करते रहना होगा
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसके विश्वकर्मा ने बताया कि कोविड वैक्सीन के आ जाने से आम आदमी के जेहन में इसको लेकर बना भय समाप्त होगा. साथ ही और लोग टीकाकरण के बाद कोरोना संक्रमण के साथ- साथ कई तरह की बंदिशों से निजात पा सकेंगे. वहीं सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कोविड-19 के अनुरूप व्यवहारों का पालन करते रहना होगा. स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लग जाने से उनके मनोबल में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि वृहद स्तर पर आयोजित होने वाले टीकाकरण कार्य के लिए विशेष तैयारियों के साथ साथ कुशल प्रशिक्षण की जरूरत है, जिससे टीकाकरण कार्य को सही तरीके से अंजाम तक पहुंचाया जा सके.
इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. एसके विश्वकर्मा, प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. डीएस मिश्रा, डॉ. राजीव रंजन, आईसीडीएस डीपीओ डॉ. रश्मि वर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक दयाशंकर निधि अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद,केयर इंडिया के डिटेल महेंद्र सिंह सोलंकी, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. आदर्श वर्गीज, यूएनडीपी के कोल्ड चैन मैनेजर अनिल कुमार, पाथ के जिला समन्वयक मुन्ना यादव, हामिद अंसारी और चंचल कुमार आदि उपस्थित थे.
पप्पू पूर्वे की रिपोर्ट