नई दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को सौरव गांगुली और एमएस धोनी दोनों की कप्तानी में खेलने का मौका मिला. अब आशीष नेहरा ने बताया कि धोनी व गांगुली की कप्तानी का तरीका एकदम अलग-अलग था, लेकिन एक बाद दोनों में ही एक जैसी थी वो ये कि दोनों अपने खिलाड़ियों से बेस्ट प्रदर्शन करवाने में माहिर थे.
आशीष नेहरा ने जब भारत के लिए डेब्यू किया उस वक्त टीम के कप्तान गांगुली थे. इसके बाद उन्हें धोनी की कप्तानी में और फिर साल 2017 में विराट की कप्तानी में भी खेलने का अवसर मिला. आइपीएल में धौनी की कप्तानी में नेहरा ने काफी शानदार प्रदर्शन किया था. 41 वर्ष के हो चुके नेहरा ने अब धोनी और गांगुली की कप्तानी के तरीके पर अपनी बात रखी.
नेहरा ने कहा कि गांगुली और धोनी दोनों ही अलग मिजाज के कप्तान थे, लेकिन दोनों को ये बात बता थी कि अपने प्लेयर्स से किस तरह से बेस्ट प्रदर्शन करवाना है. गांगुली ने जब कप्तानी संभाली थी तब टीम नई थी, लेकिन जब धोनी ने कप्तानी संभाली तब उन्हें सिर्फ टीम को मैनेज करना था. उन्होंने कहा कि जब गांगुली ने कप्तानी संभाली तब टीम इंडिया मैच फिक्सिंग विवादों में बुरी तरह से घिरी हुई थी. उस मुश्किल घड़ी में भारतीय टीम ने साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था.
आशीष नेहरा ने कहा कि साल 2007 में भारत पहले ही दौर में विश्व कप से बाहर हो गया था और इसके बाद धोनी ने कप्तानी संभाली थी. उन्होंने बताया कि गांगुली युवा खिलाड़ियों को पूरी तरह से सपोर्ट करते थे तो वहीं धोनी को टीम में मौजूद सीनियर खिलाड़ियों के साथ डील करना था. गांंगुली के पास युवा खिलाड़ी थे जिन्हें आगे ले जाना था और बेहतर बनाया था. उन्होंने इस काम को बेहतरीन तरीके से अंजाम भी दिया. 2001 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया तब ये साबित हो गया कि गांगुली विषम स्थिति में भी खिलाड़ियों से बेस्ट प्रदर्शन करवा सकते थे.
वहीं धोनी के बारे में आशीष नेहरा ने कहा कि वो ऐसे कप्तान हैं जिनसे दूसरों को प्रेरणा मिलती है साथ ही उनका कैलकुलेशन काफी सटीक है. वो दूसरे खिलाड़ी को ज्यादा मौके देने में विश्वास करते हैं. वैसे उन्होंने टीम में सचिन, सहवाग और वीवीएस जैसे खिलाड़ियों के साथ डील किया जो काबिलेतारीफ था. उन्होंने टीम इंडिया के लिए कौन-कौन सी उपलब्धि हासिल की ये सबको पता है.