हजारीबाग : वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जारी महासंघर्ष में पुलिस फ्रंटलाईन पर आकर श्रेष्ठ सेवा देने को तत्पर है. झारखंड सूबे में भी पुलिस ने आपदा से निपटने में बेहतर कार्य किया है. आपदा की इस विषम परिस्थिति में अंतर राज्यीय सीमा की वास्तविक स्थिति, समस्या व पुलिस जवानों के मनोबल को बढ़ाने के ध्येय से पुलिस तंत्र का सबसे बडा कुनबा देर शाम झारखंड बिहार सीमा पर स्थित चोरदाहा चेकपोस्ट पहुंचा.
राज्य के पुलिस प्रमुख एमवी राव के साथ डीआईजी पंकज कंबोज, एसपी मयूर पटेल और डीएसपी मनीष कुमार आदि ने लगभग चालीस मिनट तक चोरदाहा चेकपोस्ट की स्थिति व बिहार सीमा पर मौजूद राहगीरों से बात की. इस दौरान डीजीपी ने स्वंय जीटी रोड पर चल रहे वाहनों की जांच की. साथ ही मौजूद जवानों के मनोबल को बढाया तथा लॉकडाउन की अवधि तक पूरी सतर्कता और सोशल डिस्टेंस् का अनुपालन कर काम करने की सलाह दी. उन्होंने चेकपोस्ट पर तैनात जवानों को लॉक डाउन अवधि के दौरान जारी सरकारी निर्देश के अनुपालन का निर्देश दिया. आवश्यक सामग्री लगे वाहनों को छोडने, राहगीरों से बेहतर व्यवहार करने की बात कही.
उन्होंने झारखंड सीमा पर बिहार जाने के लिए बैठे राहगीरों से बात की. साथ ही बिहार पुलिस चौकी पर तैनात जवानों से भी वार्ता की. कहा कि राहगीरों को अनावश्यक तंग नहीं करना है. यदि राज्य सीमा में प्रवेश करते हैं तो क्वारंटीन सेंटर भेजने की बात कही. जानकारी हो कि देश की लाईफ लाईन जीटी रोड के माध्यम से हर दिन बडी संख्या में लोग सीमा में प्रवेश कर रही है.
कोरोना आपदा के बाद पहली बार राज्य स्तर का पदाधिकारी चौपारण पहुंचा. जानकारी हो कि कोविड-19 के दौर में चौपारण को रेड जोन के रुप में चिन्हित किया गया है. प्रखंड की कुल आबादी दो लाख व भौगोलिक रूप से बड़े भूमि पर फैले रहने के कारण पुलिस को लॉकडाउन अनुपालन में दिन रात मेहनत करना पड़ता रहा है. बहरहाल, डीजीपी के मुख से जवानों के उत्साहवर्धन के बाद सीमा पर कायर्रत जवानों के हौसले बुलंद हैं.
संघप्रिय वशिष्ठ की रिपोर्ट