श्रावण: आज सावन मास की पहली सोमवारी है. भोले बाबा को समर्पित इस दिन पर सभी भक्त उनके दर्शन के लिए जाते है. मंदिरों को सजाया जाता है. देवो के देव महादेव पर कच्चा दूध, भांग,धतूरा,बेलपत्र,मध आदि चढ़ाया जाता है. उनका जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है की जो भी भक्त इस दिन भगवान् की सच्ची मन से आराधना करते है उनके जीवन के सारे कष्ट-रोग दूर हो जाते है. शिव भक्तों के लिए यह बेहद ही खास दिन होता है. मनवांछित फल पाने के लिए सभी श्रद्धालु प्रेम-भाव, और समर्पण के साथ त्रिलोकी नाथ की भक्ति में लीन हो जाते है. सोमवारी से जुडी कई पौराणिक कथाएं भी है.
भोलेबाबा को मूलतः हरा रंग पसंद है. उन्हें खुश करने के लिए लोग आज के दिन हरा वास्ता धारण करते है. लड़कियां-महिलाये अपने ईश्वर का आशीर्वाद पाने के लिए 16 श्रृंगार करती है. हरी चूड़ियां, बिंदी, वस्त्र आदि पहन कर शिवभक्ति में डूब जाती हैं. कुंवारी लड़कियां और महिलाओं के लिए यह पर्व बेहद खास होता है. इच्छा अनुसार पति प्राप्ति या फिर अपने सुहाग की लम्बी आयु के लिए पूजा-पाठ करती है. इसमें पुरुष भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. परिवार की ख़ुशी हो या फिर कारोबार से जुडी कोई समस्याएं बाबा सभी दुखों का हार करते है.
-अनामिका की रिपोर्ट