JHARKHAND : कोरोना का आना जैसे लोगों के ज़िंदगी में भूचाल आने जैसा था। इसी क्रम में वर्षों से लगने वाला पुराना मेला इस साल से शुरू हो गए है। बता दें ,पलामू जिला के हैदरनगर स्थित देवी धाम परिसर में शारदीय नवरात्र पर लगने वाला मेला एकम से ही शुरू हो गया है।बता दें पलामू जिला मुख्यालय से महज 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।इस धाम में ना सिर्फ झारखंड बल्कि उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा व पश्चिम बंगाल के साथ साथ पूरे देश के श्रद्धालु पहुंचते हैं। मान्यता है कि ,यहां पहुंच कर पूजा-अर्चना करने से लोगो के मनोवांच्छित कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
एक तरफ लोग पूजा अर्चना करते हैं, तो दूसरी तरफ ओझा अथवा तांत्रिक टोना, झाड़फूंक व सिद्धियों से प्रेत-बाधा के प्रकोप से बचाव के लिए देवी की भी उपासना में लीन होते हैं। आस्था कहे या अंधविश्वास देश भर से प्रेत प्रकोप से शांति के लिए लोग यहां खिंचे चले आते हैं। प्रेत समाहित व्यक्ति खासकर महिलाएं हवन कुंड व माता मंदिर के समक्ष स्वंय ही झूमने लगते हैं। जो अपने आप में आश्चर्य का विषय है।
इस धाम के इतिहास के जानकर कुंडल तिवारी बताते हैं कि, वैसे तो इस देवी धाम का लिखित इतिहास दर्ज नहीं है।लेकिन इस मंदिर को उन्होंने अपने पूर्वजों से इसके सैकड़ों वर्षों से मौजूदगी की बात सुनी है। वहीं देवी धाम पर प्रसाद के रूप में चीनी की मिठाई ही देवी मां को अर्पित किया जाता है।इसका कारण यह है कि, चीनी के मिठाई को शुद्ध माना जाता है।
झारखंड से गौरी रानी की रिपोर्ट