द एचडी न्यूज डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों और बाढ़ग्रस्त जिलों के डीएम को बाढ़ और कोरोना दोनों से निबटने के लिए हर तरह से तैयार रहने को कहा है. उन्होंने बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ग्रस्त 12 जिलों के डीएम के साथ बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की विचित्र स्थिति के कारण एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ कोरोना के संकट से निबटने के लिए हर तरह से तैयार होकर चलना पड़ेगा.
बाढ़ की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बताया गया कि अबतक 60 हजार बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में छह-छह हजार सहायता राशि भेज दी गई है. गुरुवार तक और 40 हजार तथा दस अगस्त तक सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों के खाते में राशि भेज दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान 10,000 लोगों के लिए सहरसा में मेगा रिलीफ कैप बनाया गया था, जिसकी सभी जगह प्रशंसा हुयी थी. जरूरत के अनुसार राहत शिविरों की संख्या बढ़ाते रहें.
समीक्षा बैठक में विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने राहत और बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी दी. वहीं जिलाधिकारियों ने नदियों के जलस्तर की स्थिति, बाढ़ राहत शिविर, सामुदायिक किचेन, नावों की उपलब्धता, मेडिकल सुविधाएं, शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था, पशुचारे की उपलब्धता, पशु कैंप की व्यवस्था, फसल क्षति का आकलन आदि के बारे में बताया.
उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में रैपिड एंटीजन किट की संख्या बढ़ाने, लोगों की हिफाजत व उनकी सेवा के लिए हर क्षण तैयार रहने और उनसे फीडबैक लेते रहने के भी निर्देश दिये. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगस्त और सितंबर में भी संभावित बाढ़ से निबटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद रहें. जरूरत के अनुसार राहत शिविरों की संख्या बढ़ाते रहें. इसके पहले आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि 12 जिलों के 101 प्रखंडों के 36 लाख की आबादी बाढ़ से पीड़ित है. उनके लिए बाढ़ राहत शिविर, सामुदायिक किचेन की व्यवस्था की गयी है और लोगों को राहत पहुंचायी जा रही है.