जामताड़ा : जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के चिरुडीह गांव के पांच हिन्दू दलित परिवार घटना की जांच करने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण हलधर सोमवार को जामताड़ा पहुंचे. जामताड़ा पहुंचने के बाद सपसे पहले उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की जो पिछले 12 दिनों से एसडीओ कोर्ट के समक्ष धरना दे रहे थे. मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार से घटना की जानकारी ली.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलधर को पीड़ितों ने बताया कि कैसे उनके गांव के दबंग मुस्लिम समाज का रमजान मियां ने पहले तो उन्हें गांव छोड़ने की धमकी दी और जब वे नही माने तो उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन और गौ मांस खाने को कहा. पीड़ितों ने बताया कि जब धर्म परिवर्तन की बात उन्होंने नही मानी तो उन्हें जबरन गांव से निकाल दिया और उनके सात एकड़ की जमीन पर कब्जा कर लिया. जब इसकी शिकायत करने पीड़ित परिवार स्थानीय थाना नारायणपुर पहुंचे तो पहले उन्हें दिन भर बिठा कर रखा गया और जब रमजान मियां ने पूरे जमीन पर दीवार खड़ा कर लिया तो उसके बाद थाना प्रभारी ने उन्हें कोर्ट में शिकायत करने को कहा. उसके बाद पूरा पीड़ित परिवार जिसमे कई छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल थी, जिला उपायुक्त के कार्यालय पहुंची लेकिन वहां भी उन्हें दिन भर बिठा कर रखा गया और फिर उपायुक्त उनसे बिना मिले ही पीछे के दरवाजे के निकल गए.
पीड़ितों ने बताया कि इस मामले में एसडीओ ने भी किसी तरह की कोई मदद नही की. जिसके बाद थक हार कर पूरा परिवार एसडीओ कोर्ट के समक्ष धरना पर बैठ गए. लेकिन 12 दिन गुजर जाने के बाद भी किसी भी अधिकारी ने उनकी कोई सुध नही ली, जबकि उनके साथ महिलायीं एयर बच्चे भी है. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण हलधर ने उनकी बातें सुनने के बाद कहा कि यह पूरा मामला जमीन दखल करने, सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उलंघन, एससी एक्ट का उलंघन, जबरन धर्म परिवर्तन आदि का मामला है. इस मामले में वे त्वरित करवाई करेंगे और इस कांड से जुड़े सभी अधिकारियों पर नियम संगत करवाई की जाएगी.
मौके पर भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर कुमार बाउरी ने कहा कि इन पीड़ित परिवारों को इसलिए प्रताड़ित किया गया क्यों कि चिरुडीह में 99 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समाज की है. जब कि एक दो घर ही हिन्दू दलितों की है. यहां के उपयुक्त भी पीड़ित परिवार को मदद न कर दबंग मुस्लिम रमजान मियां को मदद कर रहे है.
उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से मांग किया कि पीड़ित परिवारों के तरफ से जो एससी-एसटी एक्ट के तहत आवेदन दिया गया है, उसके आधार पर केस दर्ज किया जाए, आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द की जाय, सभी पीड़ित परिवारों को उनके जान माल की सुरक्षा के साथ उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जाए, जिला प्रशासन के तरफ से एक मजिस्ट्रेट को प्रतिनियुक्त कर पूरे मामले की जांच-करवाई की जाए, दबंगो द्वारा एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर पीड़ित परिवारों की हड़पी हुई जमीन को अविलंब वापस दिलवाई जाए. आरोपियों के तरफ से पीड़ित परिवारों पर धर्मांतरण का दबाव बनाया जा रहा है. ऐसे में धर्मांतरण निषेध कानून के तहत सभी आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की जाए और त्वरित करवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. साथ ही उन सभी पर भी कानूनी करवाई की जाए जिन्होंने अपने पद पर रहते हुए नियम विरुद्ध कार्य किया है.
गौरी रानी की रिपोर्ट