JHARKHAND : खबर झारखंड से आ रही है। जहां देवघर एम्स में आज से शुरू हुए दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आदिम जनजाति स्वास्थ्य सम्मेलन के उद्घाटन किया गया है। उस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि, शिक्षा चिकित्सा और शोध के सबसे बड़े केंद्र देवघर एम्स को उनके मंत्रालय की तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी।
आपको बता दें कि इस सम्मेलन के दौरान आदिम जनजाति समाज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित कराने मंथन किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आदिम जनजाति समुदाय के बीच स्वास्थ्य को लेकर चिंता है और लगातार हो रहे जेनेटिक बदलाव पर भी चिंता जाहिर की है। साथ ही 7 मई तक चलने वाले इस सम्मेलन में आ जनजातिय समुदाय के बीच एनीमिया के बढ़ते खतरे पर और उसके समाधान पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
इस राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान एम्स के डायरेक्टर डॉ प्रोफेसर सौरव वार्ष्णेय देवघर विधायक नारायण दास के अलावा जनजातीय समाज के स्वास्थ्य और उनके जीवन शैली पर शोध कर रहे देशभर के 50 से ज्यादा विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं। इस सम्मेलन का विशेष फोकस जनजातीय समाज के लोगों के बीच स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से चिकित्सीय सुविधा के साथ ही पौष्टिक आहार कैसे मिले।
साथ ही समाज के युवा और वृद्ध लोगों को उन नशे से कैसे दूर रखा जाए इस पर चर्चा की जाएगी। आपको बता दें कि देवघर एम्स में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन झारखंड के मिशन निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह के साथ ही एम्स देवघर के प्रेसिडेंट प्रोफेसर डॉ एन अरोड़ा के साथ ही देवघर एम्स के डाइरेक्टर सौरभ वार्ष्णेय नें भी सम्बोधित किया।
झारखंड से गौरी रानी की रिपोर्ट