RANCHI: झारखंड के बेरोजगार युवाओं का आज विधानसभा घेरेंगे : नियोजन नीति में कमियां , जिलावार आरक्षण रोस्टर में गड़बड़ी और अनियमितता को लेकर युवा कर रहे आंदोलन , शहीद मैदान से करेंगे कूच
झारखण्ड यूथ एशोसिएशन , झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले आज राज्य भर के युवा विधानसभा का घेराव करेंगे । वे दोपहर 12 बजे तक पुराना विधानसभा के पास जुटेंगे । इसके बाद विधानसभा की ओर कूच करेंगे । आंदोलन कर रहे छात्र नेताओं की मानें तो आज का यह आंदोलन ऐतिहासिक होने वाला है । इस आंदोलन में राज्य के विभिन्न जिलों से आ रहे युवा शामिल होंगे । वहीं छात्र नेताओं ने राज्य के युवाओं से बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील की है ।
क्यों कर रहे हैं आंदोलन
राज्य सरकार की ओर से नौकरी देने की बात कह , अब तक मुकम्मल निर्णय नहीं लिए जाने से राज्य के युवा नाराज हैं । उनका कहना है कि जिस सरकार ने पांच लाख नियुक्तियां करने की बात कही थी , वह नियोजन नीति तक स्पष्ट नहीं कर सकी है । सरकार ने जो नियोजन नीति बनायी , उसे कोर्ट ने रद्द कर दिया । फिर जो नियोजन नीति सामने है , उसमें विसंगतियां हैं । वर्तमान की नियोजन नीति में राज्य के युवाओं के भविष्य की सुनिश्चितता नहीं है । वहीं बीते दो दिनों में जो वेकेंसी निकाली है , उसमें भी कई तरह की गड़बड़ियां हैं । राज्य सरकार ने जिलावार आरक्षण रोस्टर जारी किया है । उसमें भी विसंगतियां हैं । ऐसे में युवा आंदोलन का रास्त अपना कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाह रहे हैं ।
सीएम हाउस घेराव का लिया था निर्णय
आज के विधानसभा घेराव से पहले 20 मार्च को सीएम हाउस घेराव की रणनीति थी । लेकिन सरकार व प्रशासन के आग्रह पर एक दिन पूर्व ही मंत्री आलमगीर आलम व छात्र नेताओं की सकारात्मक वार्ता से आंदोलन को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था । पर 20 मार्च को ही जिलावार आरक्षण रोस्टर व 21 मार्च को सहायक प्रयोगशाला परीक्षा की वैकेंसी निकाल दी गयी । जिसमें कई गड़गड़ी व अनियमिता स्पष्ट रूप से दिखाई दी । इसमें दिख रही गड़बड़ियों की वजह से राज्य के छात्र आक्रोशित हो गए । राज्य के विभिन्न जिलों में युवाओं ने 22 मार्च को जिलावार सरकार का पुतला दहन किया । आज उन्होंने विधानसभा घेराव की घोषणा की है । झारखण्ड यूथ एशोसिएशन के इमाम सफी व राजेश ओझा ने आंदोलन से संबंधित तमाम जानकारियां दीं ।
असंवैधानिक बता नियोजन नीति किया था रद्द
हेमंत सोरेन की सरकार में बनी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली -2021 ‘ को 16 दिसंबर 2022 को झारखंड हाईकोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए निरस्त कर दिया । कहा कि यह नियमावली भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 के प्रावधानों का उल्लंघन है । सरकार की यह नियमावली संवैधानिक प्रावधानों पर खरी नहीं उतरती है , इसलिए इसे निरस्त किया जाता है ।
क्या था नियमावली में प्रावधान
राज्य सरकार ने गजट नोटिफिकेशन संख्या -3849 / दिनांक 10.8.2021 के माध्यम से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग स्नातक स्तरीय परीक्षा संचालन संशोधन नियमावली -2021 लागू की थी । इस संशोधित नियमावली में कहा गया था कि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को झारखंड के मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान से मैट्रिक व इंटर उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा तथा अभ्यर्थी को स्थानीय रीति – रिवाज , भाषा व परिवेश की जानकारी रखना अनिवार्य होगा , लेकिन झारखंड राज्य के आरक्षण नीति से अच्छादित अभ्यर्थियों के मामले में इस प्रावधान को शिथिल कर दिया गया था । नियमावली में हिंदी व अंग्रेजी को भाषा की सूची से बाहर कर दिया गया था तथा उर्दू को क्षेत्रीय व जनजातीय भाषा की सूची में शामिल किया गया था ।
रांची से गौरी रानी की रिपोर्ट