PATNA : 5 वर्षों से बिहार राज्य के सभी निचली अदालतों में गर्मी के दिनों में अंग्रेजों के शासन काल से चला आ रहा मॉर्निंग कोर्ट का फैसला जनहित में समाप्त कर डे कोर्ट कर दिया गया है। बता दें कि,कानूनी सहायता केंद्र के अध्यक्ष विक्रमादित्य गुप्त (अधिवक्ता )के नेतृत्व में आंदोलन पर जीत का आदेश माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा किए गया।
न्यायालय पटना सिटी कोर्ट में अधिवक्ताओं, मुंशी व मोवक्किलों ने काफी उत्साह पूर्वक एक दूसरे को मिठाई खिलाकर, माला पहनाकर ,ढोल नगाड़ों के साथ जश्न मनाया और नेतृत्वकर्ता विक्रमादित्य गुप्त को सम्मानित किया।वहीं कानूनी सहायता केंद्र के अध्यक्ष विक्रमादित्य गुप्त ने इस जीत को बिहारवासी , अधिवक्ताओं, मोवक्किलों की जीत बताया है।
उन्होंने कहा कि ,अब राज्य की किसी भी नजदीक व दुर के अधिवक्ता, मोवक्किल एवं जज व स्टाफ को सुबह कोर्ट पहुंचने के लिए जल्दी नही उठना पड़ेगा और ना ही चिलचिलाती धूप में दोपहर में घर लौटना पड़ेगा। मॉर्निंग कोर्ट की कुप्रथा से अब आजादी मिल गई है इस विजय यात्रा में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का भी बहुत बड़ा योगदान है ।
इस मुहिम में साथ देने वाले अधिवक्ता रामाकांत वर्मा ,बृजेश गोस्वामी, राजकुमार प्रसाद, विजय प्रसाद ,रामप्रकाश, प्रमोद गुप्ता, रामकुमार ,नोटरी पब्लिक डॉ राकेश कुमार ,अजीत सौरव ,विनोद प्रसाद, इरफान आलम ,अजय ,आत्मप्रकाश, प्रेमलता, गीता, पटना सिटी अधिवक्ता संघ के संयुक्त सचिव गोविंद कनोडिया, कुमारी नीलम ,अजय कुमार साह, शैलेंद्र विश्वकर्मा समेत अन्य अधिवक्ताओं ने ऐतिहासिक जीत बताते हुए जश्न मनाया।
पटना से अनिल कुमार की रिपोर्ट