द एच डी न्यूज डेस्क : श्रीलंका में 69 साल की उम्र में ‘नाडुंगमुवा राजा’ हाथी की मौत हुई है. एक बेहद चर्चित भारतीय हाथी की मौत की खब़र सुनकर लोग शोक मना रहे है. यह हाथी पिछले करीब 50 सालों से श्रीलंका में रह रहा था. श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे ने इसे ‘राष्ट्रीय खजाना’ बताया था.
बौद्ध पुजारियों ने किया अलविदा
नाडुंगमुवा राजा कैंडी जिले के पेराहेरा उत्सव और सालाना पवित्र समारोहों में भाग लेता था. उसकी मौत के बाद बौद्ध पुजारियों सहित कई लोगों ने विदाई दी है. राष्ट्रपति राजपक्षे ने अधिकारियों को राजा के शरीर को ‘भविष्य की पीढ़ियों’ के लिए संरक्षित करने का आदेश दिया है. उन्होंने हाथी राजा को ‘राष्ट्रीय खजाना’ बताया है.
फलों से ज्यादा गुड़ थे पसंद
हिंदू की एक रिपोर्ट बताती है कि राजा से मिले गिफ्ट को भिक्षु डॉक्टर ने कोलंबो के दक्षिण में होराना में एक लकड़ी मिल को बेच दिया था. लंबे और जबरदस्त दांतों वाले शानदार हाथी को लट्ठ उठाकर ले जाते देखकर परेशान हुए डॉक्टर धर्मविजय के पिता ने उसे खरीद लिया था. नाडुंगमुवा राजा के महावत विल्सन कोडडिथुवाक्कू ने हिंदू से बातचीत में बताया है कि उसे नियमित भोजन के साथ ही कई फल दिए जाते थे. उसे गुड़ बहुत पसंद था.
भारत से कैसे पहुंचा श्रीलंका
दी हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1954 में राजा का जन्म मैसूर में हुआ था. हाथी राजा महाराजा जयचामाराजेंद्र वाडियार के पास रहते थे. एक आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर हर्ष धर्मविजय के मुताबिक, राजा जयचामाराजेंद्र ने बीमारी के इलाज के लिए एक श्रीलंकाई भिक्षु चिकित्सक को नाडुंगमुवा राजा को उपहार में दिया था.