GIRIDIH: हादासा बता कर नहीं आती, हर दिन के तरह आज भी गिरिडीह के तिसरी से 55 साल के रामदेव तुरी मवेशियों के लिए हरी पत्ती तोड़ने पहुंचे थे, मगर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। रोज पत्तों को नीचे की डाल से तोड़कर हर दिन घर के सभी मवेशियों को हरी पत्ती खिलाया करते थे। मगर आज पेड़ पर चढ़ना उनके लिए काल बन गया। हादसे में उनकी जान चली गई। पेड़े के नीचे उनके पड़े शव को देखकर पूरे गांव में मातम पसरा है।
घटना तिसरी थाना क्षेत्र के खिजुरी गांव के है। जहां 55 साल के रामदेव तुरी मवेशी के लिये दुधपनिया में पत्ता तोड़ने के दौरान पेड़ से गिरने से मौत हो गई। पत्ता तोड़ने शनिवार दोपहर को ही साइकिल से घर से निकला था। जब शाम तक घर नही लौटा तो घरवाले खोजबीन करने लगे थे। रविवार शुबह को दुधपनिया गांव के पास बरगद पेड़ के नीचे मृतक के पुत्र संदीप तुरी को मरा पड़ा मिला।
रामदेव तुरी की मौत आग की तरह फैल गई, सूचना घरवाले को मिलते ही पत्नी बेटी व स्वजन सहित काफी संख्या में ग्रामीण घटना स्थल पहुंचे। शव को स्वजनों ने उठाकर घर ले गए। बताया जाता है कि बकरी,पाठा आदि को खिलाने के लिये प्रतिदिन जंगल से बरगद व सखुआ आदि का पत्ता तोड़ने जाया करता था। मृतक रामदेव तुरी की मौत से स्वजनों में मातम छा गया है। इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई लेकिन घरवाले के अपील पर पोष्टमर्तम के लिये नही भेजा गया।
गिरिडीह तिसरी से मनोज लाल बर्नवाल की रिपोर्ट