द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में आज नशा मुक्ति दिवस के दिन शराबबंदी को लेकर एक बार फिर शपथ ली गई. शराबबंदी कानून के समर्थन को लेकर सुबह 11 बजे राज्य के मुख्य सचिव से लेकर राज्य के सभी विभागों व कार्यालयों के पदाधिकारी और कर्मचारी मद्य निषेध की शपथ ली. इसके लिए पटना के ज्ञान भवन में कार्यक्रम रखा गया. इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मौजूद रहें. इसके अलावा डिप्टी सीएम समेत कई अधिकारी भी रहेंगे. मुख्य समारोह की लाइव वेबकास्टिंग सभी सरकारी कार्यालयों में की गई. मुख्यमंत्री ज्ञान भवन से ही मद्य निषेध के प्रति जागरूकता फैलाने वाले कई वाहनों को भी हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. वहीं सीएम नीतीश के साथ दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के अलावा कई नेता और अधिकारी मौजूद थे.
वहीं आज नशा मुक्ति दिवस के मौके पर सरदार पटेल भवन स्थित पुलिस मुख्यालय में डीजीपी एसके सिंघल के नेतृत्व में सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मियों ने नशा मुक्ति का शपथ लिया. वही इस मौके पर डीजीपी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने के लिए बिहार पुलिस का एक एक सिपाही लगा हुआ है.
नशा मुक्ति दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आजीवन शराब सहित किसी तरह के नशे का सेवन नहीं करने के लिए पूरे बिहार वासियों को संकल्प दिलाया. इस खास मौके पर उन्होंने जागरूकता रथों को रवाना किया. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से शपथ लीजिए ताकि कोई बाएं-दाएं ना करे. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन शराब को लेकर होटल और आयोजन स्थलों पर जांच करती है, महिला के कमरे में जाती है जांच के लिए तो कुछ लोग सवाल उठाते हैं, तो पुलिस जांच के लिए जाएगी नहीं. ये कोई गुनाह है? इस बयान से नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया कि किसी भी हाल में सख्ती में ढिलाई नहीं होने वाली है. उन्होंने पुलिस को एक तरह से खुली छूट दे दी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोई भी सरकारी कर्मी गड़बड़ करता है तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमने मीटिंग में ही कह दिया था कि सबसे पहले पटना में नजर रखिए क्योंकि सबसे ज्यादा गड़बड़ी होती है. अगर यहां व्यवस्था ठीक रही तो बाकी जगहों पर भी ठीक हो जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी आप काम करेंगे तो शत प्रतिशत लोग उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं. ये जो मनुष्य है उसमें कुछ चंद लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं. हमने अब तक नौ बार समीक्षा बैठक की है. जहरीली शराब का मामला जब सामने आया था तो हमने एक्शन लिया था, अब एक बार फिर आया है.
महिलाओं की मांग पर शराबबंदी
उन्होंने कहा कि 2015 में 9 जुलाई को एक कार्यक्रम में बोलने के दौरान महिलाओं की मांग पर शराबबंदी का फैसला किया था. सत्ता पक्ष और विपक्ष सबने एक साथ शपथ ली थी. अब लोगों को कुछ और लग रहा है. ये बहुत गलत बात है. कुछ लोगों ने कहा था कि बिहार में शराबबंदी के बाद टूरिस्ट नहीं आएंगे. जब शराबबंदी लागू की गई तो पर्यटकों की संख्या बढ़ गई.
2018 में डब्ल्यूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 30 लाख लोगों की मौत शराब की वजह से हुई है. विश्व में कुल 5.3 प्रतिशत लोगों की मृत्यु इसी वजह से होती है. 20 से 40 से कम उम्र के 13.5 लीगों की मौत हुई. दुनिया में आत्महत्या करने वालों में 18 प्रतिशत शराब पीने वाले थे. आपसी झगड़े का 18 प्रतिशत शराब पीने की वजह से होती है. दुनिया में रोड एक्सीडेंट 27 प्रतिशत शराब पीने की वजह से होती है. लीवर, माउथ कैसर, पैंक्रियाज, टीबी से भी मौत की बात कही गई.
संजय कुमार और विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट