DANAPUR: बुधवार की देर शाम दानापुर आरपीएफ एवं बचपन बचाओ आंदोलन ने संघमित्रा एक्सप्रेस से 36 नाबालिक बच्चे को दानापुर स्टेशन पर रेस्क्यू किया। सभी से पूछताछ के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया गया। बताया जाता है कि अररिया, सुपौल और गया जिले से बच्चो को चार लोग तमिलनाडू ले जाने के लिए संघमित्रा एक्सप्रेस में बैठे थे।
तभी गश्त कर रही आरपीएफ पुलिस को बचपन बचाओ आंदोलन के कर्मियों द्वारा दानापुर आरपीएफ को सूचना दी गई कि नाबालिक बच्चो को तमिलनाडू में बाल मजदूरी कराने के लिए कुछ लोग लेकर जा रहे है। जिसके बाद दानापुर आरपीएफ और जीआरपी के साथ बचपन बचाओ आंदोलन के कर्मियों के द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए संघमित्रा एक्सप्रेस में जांच की गई। इस दौरान बोगी संख्या s4 से नाबालिक बच्चो को एक साथ देखा गया। जिसके बाद उन बच्चो से से पूछताछ की गई तो वे सभी ठीक से जवाब ने दे पा रहे थे।
बच्चो से जब पूछा गया की किसके साथ जा रहे हो तब उनसभी ने कुछ लोगो के तरफ इशारा किया। जिसके बाद संदेह होने आरपीएफ की टीम ने उनसभी बच्चो के साथ उनको ले जा रहे चार लोगो को दानापुर स्टेशन पर उतारा। जिसके बाद उन सभी 36 नाबालिक बच्चो को जीआरपी थाने ले आई। और उन सभी से पूछताछ की। बच्चो को साथ ले जा रहे चारो से पूछताछ की गई तो अनलोगो ने बताया की वे बच्चो को तमिलनाडू के कृष्णागिरी जिले के दारुल उल नसीमिया अतीम मोगम मदरसे में पढ़ने के लिए ले जा रहे है।
वही रेस्क्यू किए गए बच्चो में कुछ बच्चो ने बताया की पहले भी वे वहा से पढ़कर आए है और फिर पढ़ने जा रहे है।बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट कोऑर्डिनेटर बिहार अरिजीत अधिकारी से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया की आरपीएफ की टीम के द्वारा संघमित्रा एक्सप्रेस से 36 नाबालिक बच्चो को रेस्क्यू किया गया है। उनको ले जा रहे चार व्यक्तिओ को भी हिरासत में लिया गया है। पूछताछ के दौरान बच्चो के साथ गिरफ्तार चारो ने बताया की तमिलनाडू के कृष्णागिरी जिले का दारुल उल नसीमिया अतिम मोगम मदरसे में पढ़ने के लिए ले जा रहे है।
जिसके बाद आरपीएफ पुलिस और हमलोग मदरसे की जानकारी लेने के लिए तमिलनाडू पुलिस से संपर्क किया गया। जिसके बाद पता चला की ऐसा कोई रजिस्टर्ड मदरसा उस इलाके में है ही नही। गिरफ्तार युवकों से मदरसे का डॉक्यूमेंट की मांग की गई तो अनलोगो के पास ऐसा कोई डॉक्यूमेंट डॉक्यूमेंट उपलब्ध नही करवाया गया। 36 नाबालिक बच्चो में 29 अररिया के 4 सुपौल और 3 बच्चे गया जिले के रहने वाले है। इस बाबत आरपीएफ थानाध्यक्ष वेंकटेश कुमार ने बताया की 36 नाबालिक बच्चो को संघमित्रा एक्सप्रेस के बोगी संख्या एस 4 से रेस्क्यू किया गया है।
साथ ही चार लोगो को गिरफ्तार किया गया है। पुछताछ के दौरान व्यस्को द्वारा आरक्षित टिकट के आलावे नाबालिग बच्चों को ले जाने का कोई प्राधिकार या उनके माता पिता का सहमति पत्र नही दिखाया गया अतः प्रथम दृष्टया बाल तस्करी का मामला पाकर उन सबो को उतारकर जीआरपी थाना लाया गया।सभी बच्चे मुस्लिम समुदाय के और ज्यादातर बिहार के अररिया जिला के थे। ट्रेफिकर द्वारा बताया गया कि बच्चों को तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के दारुलमिनसिमिया मदरसे में पढ़ाई हेतु ले जा रहे है पर जांच के दौरान उस मदरसे का प्रमाणीकरण नही हो पाया।
अतःराजकीय रेल थाना दानापुर को एक लिखित शिकायत पत्र दिया गया जिसके आधार पर कांड संख्या 370/34 ,75 जे जे एक्ट पंजीकृत कर जांच की जा रही है और सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन के माध्यम से CWC के समक्ष अग्रिम कारवाई हेतु भेजा गया है।सभी को आगे की कारवाई के लिए दानापुर जीआरपी के हवाले कर दिया गया है। वही जीआरपी पुलिस ने बताया की जांच की जा रही है। जिस तरह से बिहार के अलग अलग जिले से बड़ी संख्या में नाबालिक को एक साथ ले जाया जा रहा है। यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही इसको लेकर कुछ निष्कर्ष निकाला जा सकेगा।फिलहाल बच्चो को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।वही पकड़े गए इनके साथ चार युवकों को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दानापुर से रजत राज की रिपोर्ट