द एचडी न्यूज डेस्क : पटना में सोमवार को दिनदहाड़े 45 लाख रुपए की लूट हो गई. अपराधियों ने बिहार की पूर्व मंत्री वीणा शाही के स्टाफ से रुपए लूट लिया है. कैश लूट की यह वारदात अटलपथ पर हुई है. वारदात के सामने आने के बाद से हड़कंप मच गया. लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई. लूट की सूचना पर पाटलिपुत्रा थाना समेत पटना पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची. तीन बाइक पर सवार छह अपराधियों ने कैश लूट की इस वारदात को अंजाम दिया है.
यह हुई घटना
सोमवार की दोपहर बाद 3:15 बजे पूर्व मंत्री का असिस्टेंट मैनेजर संजीव सिंह अपने एक साथी के साथ 45 लाख रुपए पूर्व मंत्री के न्यू पाटलिपुत्रा स्थित घर से लेकर चला था. व्हाइट कलर की कार से आरब्लॉक जाना था. वहां सोन भवन के बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच में रुपए जमा करना था. कार में संजीव के साथ उसका एक साथी स्टाफ और ड्राइवर चंदन शर्मा था. कुल तीन लोग कार में थे.
संजीव के अनुसार न्यू पाटलिपुत्रा से ये लोग अटलपथ पर आए. कार कुछ दूर आगे उदय चौक के पास पहुंची थी कि एक बाइक अचानक से ड्राइवर के साइड सट गई. इसके बाद बाइक सवार ने गाड़ी में स्क्रेच लगने की बात कह जबरन कार को रूकवा दिया और बाइक सवार बहस करने लगा.
इसी बीच दो बाइक पर सवार चार और अपराधी वहां पहुंच गए. सभी ने मिलकर कार को घेर लिया और अपने पास से पिस्टल निकाला. इसके बाद आरटीजीएस फॉर्म वाला बैग लिया. फिर कैश से भरा झोला छीनने की कोशिश की. इसका विरोध करने पर अपराधियों ने ड्राइवर और संजीव को थप्पड़ भी मारा. इसके बाद पिस्टल का डर दिखाकर कैश वाला झोला लूटकर फरार हो गए. सिटी एसपी सेंट्रल अंबरीश राहुल ने इस वारदात की पुष्टि की है. हालांकि, लूटे गए कैश को वो 45 की जगह 41 लाख बता रहे हैं.
मास्क और हेलमेट पहने थे अपराधी
वीणा शाही बिहार में कांग्रेस की सरकार में मंत्री रह चुकी है. इस बीच में ये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में भी रही हैं. पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले ये वापस कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. संजीव सिंह के अनुसार इनका वैशाली होंडा शोरूम है. बिजनेस के कलेक्शन का रुपया लेकर बैंक में जमा करने जा संजीव जा रहे थे. मगर, उससे पहले लूट हो गई. सभी अपराधियों ने मास्क और हेलमेट से अपने चेहरे को कवर कर रखा था. अब पुलिस की टीम इस मामले की जांच कर रही है. न्यू पाटलिपुत्रा से लेकर अटलपथ के वारदात स्थल तक में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जा रहा है. फुटेज के जरिए पता किया जा रहा है कि अपराधी कहां से पीछे लगे हुए थे.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट