बेतिया : माकपा द्वारा सात जून को बेतिया में विश्वासघात एवं धिक्कार दिवस के दिन प्रतिरोध मार्च निकालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया गया. भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) सीपीआएम की पश्चिम चंपारण जिला कमिटी ने कहा कि कोरोना वायरस से बिहार जूझ रहा है. किसान आर्थिक अभाव के संकट में परेशान हैं. पैसे के मजबूरी धान की खेती को करने में बाधक बनी हुई है. बिहार में वापस लौटे मजदूरों के सामने रोजगार और भूख का संकट बढ़ गया है. कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है.
इस विषम संकट से जनता को बचाने के बदले बिहार के लोगों का ध्यान भाजपा एवं नीतीश सरकार भटकाकर चुनाव की तरफ मोड़ना चाहती है. भाजपा के पास मानवता नाम की कुछ भी नहीं बचा है. आज भी भूख एवं सड़क हादसे में मजदूर और उनके बच्चे मर रहे हैं. उनको आर्थिक सहायता और भोजन की व्यवस्था भी नहीं दी जा रही है. ऐसी हालात में गृहमंत्री अमित शाह सात जून को वर्चुअल सभा कर बिहार को चुनाव में ढकेलना चाह रहे हैं.
इस मार्च में बिहार राज्य सचिव मण्डल सदस्य प्रभुराज नारायण राव, कार्यकारी जिला मंत्री चांदसी प्रसाद यादव, प्रभूनाथ गुप्ता, मो. हनीफ, बीके नरुला, प्रकाश वर्मा, शंकर कुमार राव, नीरज बरनवाल, उमेश यादव, मनौवर मियां और रामा चौधरी आदि शामिल थे. चनपटिया नगर पंचायत चौक पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया. जिसमें चनपटिया लोकल कमिटी के मंत्री जगरनाथ प्रसाद यादव, डीवाईएफआई के जिला अध्यक्ष मो. महफूज, राजा साह, अली राजा साह, मनौवर मियां और रविन्द्र भगत आदि शामिल थे.
मझौलिया प्रखंड के जौकटिया चौक पर प्रधानमत्री का पुतला फूंकने में सदरे आलम, मुस्तकीम साईं, शेख तैलक, शेख रेयाज और शेख इस्राफील आदि शामिल थे. मेनातांड प्रखंड चौक पर प्रधानमंत्री का पुतला माकपा द्वारा जलाया गया. जिसमें रामा यादव, हरेंद्र प्रसाद, शिवनाथ राय, शिवशंकर पांडेय, गौरी शंकर प्रसाद और मो. इस्लाम आदि शामिल थे.
सुनील गुप्ता की रिपोर्ट