द एचडी न्यूज डेस्क : राजधानी पटना में आज भाकपा माले की ओर से प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. इस मौके पर भाकपा माले के नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री की सम्मान निधि योजना में भूमिहीन और बटाईदार किसानों को शामिल किया जाए. विधानसभा के समक्ष 18 मार्च को किसानों का मार्च निकाला जाएगा. विधानसभा से तीन कृषि कानून के विरोध में प्रस्ताव पारित हो. महागठबंधन की पार्टियों को भी शामिल करेंगे. सीपीआई नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि पटना का मार्च ऐतिहासिक होगा.
नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन का संदेश पूरे देश में पहुंच गया है. आने वाले चुनाव में भी इसका प्रभाव दिखेगा. भारतीय जनता पार्टी को जनता वोट न दें उसको वोट लेने का हक़ नहीं है. 15 मार्च को पूरे देश में सभी ट्रेड यूनियन ने रोजगार पाने के लिए निजीकरण रोकना होगा. 26 मार्च को किसान संगठन और ट्रेड यूनियन का भारत बंद का ऐलान किया है.
उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में केरल को छोड़ हर जगह हम उम्मीदवार उतारेंगे. बंगाल में जिस सीट पर हम नहीं लड़ रहे है वहां हम समर्थन देंगे. असम में हम गठबंधन के साथ है. उन्होंने कहा कि विवेक दास उम्मीदवार होंगे. ये चुनाव का दौर महत्वपूर्ण है. जिस तरह मोदी सरकार देश को बेच रही है. डिफेंस की जमीन को बेच रहे है. मोदी सरकार ने जो देश बेचने का कार्यक्रम कर रही है उसको रोकना होगा. लग रहा है बिहार में शराब माफिया की सरकार है. शराब माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
औराई के विधायक के चुनाव के दौरान शराब बरामद हुआ. शराब माफियाओं के सरकार के साथ साठगांठ है. सरकार के मंत्री बच रहे है और अनाप-सनाप बोल रहे हैं. नीतीश कुमार जिस आंदोलन से नेता बने उसी से विश्वासघात कर रहे हैं. नीतीश के चलते बिहार तानाशाह बन रहा है.
किसान आंदोलन के दौर में हमलोगों सहजानंद सरस्वती को याद कर रहे हैं. किसान यात्रा को पूरे बिहार में लाई जाएगी. किसान आंदोलन बिहार का भी आंदोलन बन जाएगा. सबसे ज्यादा विश्वासघात बिहार के किसानों के साथ होता है. ये किसान विरोधी कानून अगर देश में रह जाएंगे तो किसानों को बहुत नुकसान होगा. महंगाई बढ़ रही है लेकिन आमदनी नहीं. बिहार आंदोलन का मजबूत गढ़ बनेगा. चुनाव में भाजपा के खिलाफ बिहार में भी जबरदस्त जनादेश मिलेगा.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट