बेगूसराय : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राष्ट्रीय परिषद के आह्वान पर बेगूसराय जिला कार्यालय कार्यानंद भवन सहित सभी प्रखंड मुख्यालय एवं पंचायत स्तर पर दिन के 12:00 बजे से 3:00 बजे तक काला काला बिल्ला लगाकर काला झंडा भी फहराया गया. केंद्र एवं राज्य सरकार की कोरोना महामारी के विरुद्ध संघर्ष में असफलता के विरुद्ध धरना दिया गया.
जिला कार्यालय में काला बिल्ला लगाकर काला झंडा फहराने के बाद मौजूद पार्टी के लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक सह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के बेगूसराय जिला मंत्री अवधेश कुमार राय ने कहा. उन्होंने इस कार्यक्रम के माध्यम से मांग किया गया कि बिहार सरकार के बाहर से आने वाले मजदूर को आने-जाने के खर्च के रूप में 10 रुपए दिए जाए.
बिहार के बाहर से आने वाले मजदूर और स्थानीय बिहार के अंदर काम करने वाले मजदूर जिनकी रोजी रोजगार छिन गई. उन्हें प्रतिमाह 5000 की दर से तीन महीने की राशि दिया जाए तथा तीन महीने का राशन उपलब्ध कराई जाए. उन मजदूरों का जिन्हें राशन कार्ड नहीं है और सूची बनाकर भी अभी तक राहत राशि और गल्ला नहीं दिया गया है. इसे भुगतान किया जाए. मनरेगा, नल-जल योजना और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सभी मजदूरों को काम की गारंटी की जाए.
क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मजदूरों को स्वास्थ्यवर्धक योजना एवं सफाई के साथ समुचित आवासीय व्यवस्था की गारंटी की जाए. ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर किसानों के सभी ऋण को माफ किया जाए. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सरकार की घोषणा प्रवासी मजदूरों को घर लाने का पूरी तरह से दोषपूर्ण व्यवस्था के चलते मजदूर दर-दर भटकने धूप में बिलक ने और भूखे मरने पर मजबूर हैं. अभी तक सही व्यवस्था नहीं होने की वजह से मजदूरों की दोषपूर्ण व्यवस्था की वजह से जितनी मौत वह मौत कोरोना वायरस ज्यादा है.
उन्होंने कहा कि इस लॉकडाउन के आड़ में लेबर एक्ट संशोधन करके सरकार ने मजदूर के प्रति अपनी घृणित मानसिकता को दर्शाया है. काला दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सचिव मंडल सदस्य अनिल कुमार अंजान कर रहे थे. मौके पर एआईवाईएफ के जिला संयोजक अमीन हमजा, रामप्रवेश, शंभू देवा, वीरेंद्र सिंह, मोहम्मद आदिल, शिव शंकर और जवाहर कुमार सहित दर्जनों कार्यकर्ता थे.
जीवेश तरुण की रिपोर्ट