रांची : देश भर में आज किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ चक्का जाम का ऐलान किया था. किसानों के चक्का जाम के तहत आज झारखंड के कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. राजधानी रांची और कोडरमा आदि जगहों पर कांग्रेस और झामुमो ने चक्का जाम कर दिया है. रांची के बूटी मोड़ में कांग्रेस और झामुमो ने मिलकर चक्का जाम कर दिया है. कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया के महाराणा प्रताप चौक पर विभिन्न दलों के कार्यकर्ता व किसान संगठनों ने चक्का जाम किया है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मी रवैए और तीन नए कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलनरत है. इसके बावजूद किन कारणों से भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस काले कानून को जनता पर थोपना चाहती है यह किसी के भी समझ से परे है. उन्होंने कहा कि देश के 70 वर्षों के इतिहास में कई कानून बने हैं और कई कानून वापस किए गए हैं. यदि किसानों के लिए बनाए गए इस कानून को किसान ही वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो फिर यह कानून से किस का लाभ होगा इसे बताया जाना चाहिए.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि इस कानून को वापस ले लिया जाता है तो इससे सरकार की हार नहीं होगी बल्कि देश की जनता इस निर्णय का स्वागत करेंगी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री का यह कहना कि नए कृषि कानून में कुछ भी काला नहीं है, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि इस कानून को वापस लेने से देश के किसानों को किस तरह का नुकसान होगा. रांची से सटे विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर किसानों के हितों की रक्षा को लेकर संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया.
राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रांची के बूटी मोड़ चौक के निकट विभिन्न राजनीतिक दलों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सड़क जाम ने हिस्सा लिया. इस मौके पर बादल ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस डेथ वारंट को वापस नहीं ले लेती तब तक लोकतांत्रिक तरीकों से किसानों के समर्थन में पूरे देश भर में आंदोलन चलता रहेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि आज का यह अभूतपूर्व चक्का जाम ने यह साबित कर दिया है कि पूरे देश की जनता इस काले कानून के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि आज के सफल आंदोलन से केंद्र सरकार को भी किसानों की शक्ति का एहसास होगा और अपनी भूल को सुधार करने के लिए वह हठधर्मिता छोड़कर किसानों के हित में फैसला लेंगे.
किसान बिल के खिलाफ रामगढ़ में चक्का जाम, सड़क पर प्रदर्शन
रामगढ़ में किसान बिल के खिलाफ देशव्यापी किसान विरोधी चक्का जाम आंदोलन किया जा रहा है. इसके तहत 12 बजते ही सीपीआइ, झामुमो, कांग्रेस व राजद कार्यकर्ता झंडा-बैनर के साथ सड़क पर उतर आए. इस दौरान आंदोलन के समर्थकों ने रांची-पटना फोरलेन मार्ग को कुजू, नयमोड तथा रामगढ़ शहर के सुभाष चौक के पास जाम कर दिया. इससे सड़क पर आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है. सड़क के दोनों किनारे वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं. वहां मौजूद विभिन्न दलों के नेता व कार्यकर्ता किसान बिल को वापस लेने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं.
कृषि कानून को रद करने की मांग को लेकर आहूत भारत बंद को सफल बनाने के लिए राजधानी रांची में कांग्रेस झामुमो और वाम दलों के कार्यकर्ता सड़कों पर हैं. बूटी मोड़ चौक पर प्रदर्शन किया जा रहा है. दर्जनों की संख्या में कार्यकर्ता सड़क पर बैठे हैं. इस कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. रांची से सटे नामकुम में किसानों के समर्थन में महागठबंधन कार्यकर्ताओं ने दुर्गा सोरेन चौक पर रोड जाम कर दिया है. विधायक राजेश कच्छप सहित अन्य लोग सड़क पर बैठे हैं.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि किसानों के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में आगामी 10 फरवरी को राज्य के सभी प्रखंडों में अधिवेशन की तैयारी को अंतिम रूप दी जा रही है। जबकि 13 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में किसानों के समर्थन में दस से बीस किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 फरवरी को हजारीबाग में राज्यव्यापी किसान सम्मेलन सह ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया जा रहा है इन सारे कार्यक्रमों के संयोजक कृषि मंत्री बादल को बनाया गया है और वह खुद पूरी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
गौरी रानी की रिपोर्ट