नई दिल्ली : बिहार के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार की शाम निधन हो गया. 74 साल के रामविलास पासवान कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन गुरुवार की शाम को उनके बेटे और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने निधन की जानकारी दी. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, बिहार के सीएम सहित देश के कई दिग्गजों ने केंद्रीय मंत्री के निधन पर दुख व्यक्त किया. आज रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को पटना ले जाया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से दुखी पीएम मोदी, कहा- मैंने एक दोस्त खो दिया
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन की खबर सामने आते ही तमाम राजनेताओं और सोशल कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रियाएं आईं. पीएम मोदी ने अपना दुख शेयर करते हुए ट्वीट किया कि मैं शब्दों से परे दुखी हूं. हमारे राष्ट्र में अब एक ऐसा शून्य है जो शायद कभी नहीं भरेगा. रामविलास पासवान जी का निधन एक व्यक्तिगत क्षति है. मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी और ऐसे व्यक्ति को खो दिया है, जो हर गरीब की गरिमापूर्ण जिंदगी की सुनिश्चित करने के लिए बेहद उत्सुक था. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में एक तस्वीर भी शेयर की है जिसमें वे केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के साथ हाथ मिलाते हुए नजर आ रहे हैं.

दलितों की आवाज से सत्ता के गलियारों तक
रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया में हुआ था. वही उनकी मृत्यु 08 अक्टूबर 2020 को दिल्ली के एक अस्पताल में हुई. रामविलास पासवान देश के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे. उनके पास 5 दशक से भी ज्यादा का संसदीय अनुभव था जिसमें वह 9 बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा सांसद रहे. उन्होंने अपने क्षेत्र में दलितों की आवाज़ बुलंद की, जिसके बाद कई मुकामों पर पहुंचे. रामविलास पासवान कई केंद्र की सरकारों में मंत्री पद पर रहे.
पटना ले जाया जाएगा पार्थिव शरीर
रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को आखिरी दर्शन के लिए सुबह 10 बजे उनके आवास 12 जनपथ पर अस्पताल से सीधा लाया जाएगा. दोपहर 2 बजे के बाद उनके पार्थिव शरीर को पटना में लोकजनशक्ति पार्टी के कार्यालय लाया जाएगा. रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार शनिवार को पटना में किया जाएगा.