बिहार में कोरोना से निपटने के जितने दावे नीतीश कुनबे की तरफ से किए जा रहे हैं वे सभी झूठे साबित हो रहे हैं. सरकार खुद झूठे दावे कर अपनी पीठ थपथपा रही है जबकि हकीकत बेहद ही खतरनाक और शर्मनाक है.
वैश्विक महामारी कोरोना के इलाज को लेकर राज्य सरकार ने पटना सिटी के अगम कुआं स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को 3 माह पूर्व कोविड अस्पताल घोषित किया था. अस्पताल प्रशासन जहां कोरोना पीड़ित मरीजों के सफल इलाज का लगातार दावे करता रहा है, वहीं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से शुक्रवार को एक कोरोना पीड़ित मरीज की अस्पताल परिसर में तड़प-तड़प कर मौत हो गयी. मरीज आधे घंटे तक मेडिसिन विभाग के गेट के पास ही तड़पता रहा, पर अस्पताल में तैनात डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों ने उनकी सुध लेना भी उचित नहीं समझा.
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि कोरोना पीड़ित बुजुर्ग मरीज मेडिसिन विभाग के गेट के पास तड़पता रहा. मरीज के परिजनों ने उसे भरसक उठाने की कोशिश की पर अस्पताल के किसी भी कर्मचारी ने उसे हाथ लगाना उचित नहीं समझा. अस्पताल में तैनात स्वास्थ्यकर्मी और सुरक्षाकर्मी मूदर्शक बने रहे, और अंत में तड़प-तड़प कर मरीज की मौत हो गयी. मृतक की पहचान सारण जिले के नौतन निवासी 58 वर्षीय बुजुर्ग कन्हैया प्रसाद के रूप में की गई है, जो बीते 17 जून को गंभीर हालत में एनएमसीएच में भर्ती कराए गए थे.
