पटना : एम्स में कोरोना की जांच पर फिलहाल अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. इससे अब नए वैसे मरीजों को एम्स में भर्ती नहीं किया जाएगा, जो कोरोना की जांच कराने आना चाहते हैं. इसकी जानकारी एम्स पटना के अस्पताल अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने देते हुए कहा कि कोरोना पॉजिटिव वैसे मरीजों को एम्स में भर्ती कर इलाज किया जाएगा, जो किसी सरकारी अस्पताल से रेफर होकर एम्स आएंगे. इसके साथ ही पटना एम्स में इमरजेंसी सेवा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है. अब एम्स को कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है.
जांच में फिट पाए जाने पर वैक्सीन का डोज
उन्होंने बताया कि कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए जो लोगों सेलेक्ट किए गए हैं, उनकी अभी जांच चल रही है. इनकी जांच रिपोर्ट आने में अभी दो से तीन दिन तक लगेंगे. उसके बाद जो फिट होंगे, उन्हें कोरोना वैक्सीन का डोज दिया जाएगा.
एम्स में होगा क्लिनिकल ट्रायल
जानकारी के मुताबिक जिन 18 लोगों को वैक्सीन ट्रायल के लिए चुना गया था, उसमें से केवल आठ लोगों का ही पंजीकरण और टेस्ट किट को क्लिनिकल ट्रायल के लिए लैब भेजा गया है. यह क्लिनिकल ट्रायल एम्स में ही किया जाएगा. इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी. बता दें कि कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जाने के 14 दिनों बाद दोबारा डोज दी जाएगी. इसके 14 दिन बाद ब्लड सैंपल में इम्यूनोग्लोबिन को जांचा जाएगा.
पीएमसीएच के चिकित्सक एम्स में प्रतिनियुक्त
पटना पीएमसीएच नेफ्रोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हर्षवर्धन को दो माह के लिए एम्स, पटना में प्रतिनियुक्त किया गया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस आशय की नोटिस जारी करते हुए कहा है कि कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी प्रतिनियुक्ति एम्स में की गई है. उनको तत्काल एम्स, पटना में योगदान का निर्देश दिया गया है.