PATNA: फारूक अब्दुल्ला के राहुल गांधी आचार्य शंकराचार्य की तुलना करने पर गिरिराज सिंह ने कहा कि “फारूक अब्दुल्ला को काफी समय से राजनीति और उम्र का तजुर्बा है. राहुल गांधी को अभी समझ नहीं आया है कि राहुल गांधी शंकराचार्य के मठ पर जाएंगे या अपने दादाजी के इलाहाबाद मजार पर”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाधान यात्रा पर गिरिराज सिंह ने कहा कि “नीतीश कुमार बहुत योग्य व्यक्ति हैं, नीतीश कुमार 17 साल बाद समाधान देखने गए हैं। शराब का 6 सालों में समाधान नहीं निकाल पाए। जवाब सवाल से बचने के लिए यह यात्रा पर हैं। जो इन्होंने महागठबंधन के घटक दलों से वादा किया था। नीतीश कुमार ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनका लगातार छवि घटता जा रहा है। गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार थी और वहां पर लगातार उनकी छवि बढ़ रही है। चुनाव में जीत का यह परिणाम लोगों के सामने उनके प्रति सोच को दर्शा रहा है। नीतीश कुमार अगर बिहार के लोगों के लिए इतने ही लोकप्रिय थे तो उन्हें आत्म चिंतन करना चाहिए। परिणाम को देख कर नीतीश कुमार 43 सीट पर आ गए हैं। अगर इसका समाधान खोजे तो वह ज्यादा बेहतर होगा।
संजय राउत के बयान जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कोई भी प्रधानमंत्री बन सकता है। देश में विपक्षी पार्टी की एकता को भी जनता देख रही हो नरेंद्र मोदी को भी। जनता मालिक होती है और 2014 से लेकर 19 तक यह जनता ने बता दिया जनता किसको पसंद कर रही है। नरेंद्र मोदी के कार्यो के कारण हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और चाइना भी जो पहले आंख दिखाते थे वह भयभीत है। नरेंद्र मोदी ने भारतीयों के पासपोर्ट की अहमियत दूसरे देशों में बढ़ा दी है।
मधेपुरा में विद्यालय में सरस्वती पूजा नहीं मनाने के आदेश जारी करने पर गिरीराज सिंह ने कहा कि “दुर्भाग्य है या इस देश की राजनीति की जो वोट के खातिर कुछ भी बोल जाते हैं। बिहार में अगर सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं होगा तो क्या पाकिस्तान में यह पूजा होगा। बिहार क्या सीरिया और ईरान पाकिस्तान हो गया है। बिहार में सनातन की परंपरा में विद्या की देवी है सरस्वती और उस पूजा को होने से कोई नहीं रोक सकता है। इस तरह के आदेश जारी करने के बाद क्षणिक लाभ जरूर कुछ राजनीतिक दल उठा सकते हैं मगर उनका खामियाजा उन्हें आने वाले समय में उठाना पड़ेगा।
आलोक मेहता के विवादित बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि “जो राजनीतिक दल वोट के खातिर राज्य समाज को तोड़ने का काम करते हैं ऐसा ही काम करते रहे हैं। रामायण भागवत जैसे पवित्र ग्रंथ है, पर विवादित बयान दिया जाता है। मुसलमानों का भी पवित्र ग्रंथ कुरान है, मगर किसी को हिम्मत है इस पर कुछ टिप्पणी करने की। इस पर अगर कोई बयान देता है तो सर तन से अलग हो जाएगा सनातन पर गाली देने का एक फैशन हो चुका है।
नीतीश कुमार एक लाचार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। एक मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को समझा नहीं पा रहे हैं तो यही कहा जाएगा कि धृतराष्ट्र के जैसे बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। बिहार में धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिस की जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री विशेष राज्य के नाम पर सिर्फ थेथर लॉजी कर रहे हैं। बिहार को केंद्र सरकार लगातार विशेष राशि विकास के लिए दे रही है। मनरेगा में जो बिहार को पैसा ना देने की बात कह रहे थे उन तमाम बातों पर मैं तथ्य के साथ उनका जवाब देने के लिए तैयार हैकेंद्र सरकार। बिहार को विशेष रूप से पैसा देकर मदद कर रही है।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट
