रांची ब्यूरो
रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि लॉकडाउन में देश के दूसरे राज्यों में फंसे छात्र-छात्राओं को वापस लाने के मामले में हेमंत सोरेन सरकार पर दोषारोपण करने वाले भाजपा नेताओं को पड़ोसी राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर भी गौर करना चाहिए। भाजपा के सहयोग से बिहार में चल रही सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरह ही केंद्र सरकार से लॉकडाउन में फंसे बच्चों और प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के बारे में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों में फंसे छात्र-छात्राओं और प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने का मुद्दा इंटर स्टेट मसला है। इस संबंध में दूसरे राज्यों की अनुमति और केंद्र सरकार का स्पष्ट दिशा-निर्देश जरूरी है। उन्होंने कहा कि झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों पर भाजपा सांसद चुनाव जीत कर आये हैं। केंद्र सरकार में झारखंड के दो मंत्री भी शामिल हैं। इसलिए भाजपा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों की ओर से अपने स्तर पर बाहर में फंसे छात्रों और प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में कुत्सित राजनीति कर राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश करना दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा के दो सांसद जिस तरह से लॉकडाउन का उल्लंघन कर दिल्ली से वापस झारखंड आ गये है। उसी तरह से नियमों की धज्जियां उड़ाना आम नागरिकों के लिए संभव नहीं हैं। यही कारण है कि राज्य सरकार की ओर से बार-बार इस संबंध में केंद्र सरकार से स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया जा रहा है।