द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. महागठबंधन में चल रहे घमासान के बीच नाराज चल रहे जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा को कांग्रेस ने साथ रखने की कवायद शुरू कर दी है. एक ओर जीतनराम मांझी कोआर्डिनेशन कमिटी नहीं बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं तो दूसरी और आरजेडी को मंगलवार को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के पांच एमएलसी ने आरजेडी का साथ तो छोड़ दिया और दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद ने भी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है.
ऐसे में कांग्रेस अलाकमान सोनिया गांधी खुद अब महागठबंधन में सबकुछ ठीक करने की कोशिश में जुट गई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, सोनिया गांधी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आज सभी नेताओं के साथ बातचीत कर सकती हैं. शाम 5 बजे होने वाली इस वर्चुअल बैठक में तेजस्वी, जीतन राम मांझी, उपेन्द्र कुशवाहा, मुकेश सहनी, कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वेणुगोपाल भी जुड़ेंगे. महागठबंधन के नेताओं को एक मंच पर लाने का मकसद यही है कि गठबंधन में पड़े खटास को जल्द से जल्द दूर किया जाए.
दरअसल, महागठबंधन में नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी ने मंगलवार को कांग्रेस नेता अहमद पटेल के साथ उनके घर पर बैठक की थी. इसके बाद कांग्रेस ने महागठबंधन की कमान अपने हाथ में ले ली है और गठबंधन को बचाने के लिए सोनिया गांधी ने खुद मोर्चा संभाला है.
इस बैठक की बात करें तो इसका मकसद महागठबंधन में चल रही उथल-पुथल को कैसे शांत किया जाए, इसपर विचार होगा. आरजेडी के पांच एमएलसी ने मंगलवार को जेडीयू का हाथ क्या थाम लिया, महागठबंधन टूटती हुई नज़र आ रही है. ऐसे में सोनिया गांधी ने खुद मोर्चा संभालते हुए अहम बैठक बुलाई है.
बहरहाल, अब इसमें देखने वाली बात यह होगी कि मीटिंग के बाद क्या महागठबंधन में क्या कुछ होता है, ये आने वाले समय में ही पता चलेगा. इस वक़्त महागठबंधन की प्राथमिकता होगी कि आंतरिक कलह को कैसे दूर किया जाए.