नई दिल्ली : वरिष्ठ नेता व झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह ने आज यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए बीजेपी में शामिल हो गए. इस मौके पर यूपी बीजेपी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, यूपी बीजेपी चीफ स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे.
उन्होंने कहा कि 32 सालों तक मैं एक पार्टी में रहा. पूरे लगन से मैन काम किया. लेकिन वो पार्टी अब वो रह नहीं गई जिसमें मैने काम किया. पीएम ने राष्ट्रनिर्माण के लिए जो किया. उससे मैं बहुत प्रभावित हूं. आरपीएन सिंह ने आज ही कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. इस्तीफे के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान के लिए तत्पर हूं.
इस्तीफे में आरपीएन सिंह ने क्या कहा?
सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र की प्रति ट्विटर पर साझा की और कहा कि आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद. उन्होंने इस्तीफे में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा है कि मैं राष्ट्र, लोगों और पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए आपका (सोनिया का) धन्यवाद करता हूं. इस्तीफे से एक दिन पहले ही कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आरपीएन सिंह को अपने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह अब तक कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे. आरपीएन सिंह केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे. वह 2009-2014 तक उत्तर प्रदेश की कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद रहे. इससे पहले वह कई वर्षों तक पडरौना विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे. साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
आरपीएन सिंह का नाम अब कांग्रेस छोड़ने वाले उन प्रमुख युवा नेताओं की फेहरिस्त में जुड़ गया है जो कभी राहुल गांधी के करीबियों में शुमार किए जाते थे. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो गए तो सुष्मिता देव और अशोक तंवर जैसे कुछ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया.