रांची : देश में बढ़ती महंगाई को लेकर कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर आज 25 फरवरी को प्रदेश कांग्रेस के सभी जिला मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इसी कड़ी में रांची के कांग्रेस भवन में भी आयोजन राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ द्वारा किया गया. इस दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता ने केंद्र सरकार को जमकर लताड़ा और जनता विरोधी सरकार बताया.
साथ ही उन्होंने व्यंग कसते हुए कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जीडीपी GDP का नाम बदल डाला है. यह सरकार जब जीडीपी बढ़ने की बात कहती है तो उसका मतलब गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि से है. वर्तमान सरकार सिर्फ नाम बदलने में माहिर है. स्टेडियम से लेकर पेट्रोल पंप ओं के नाम वास्तविक रूप में बदल गया है. पेट्रोल पंप अब टैक्स वसूली केंद्र बन गया है. इन पंपों पर मोदी की मुस्कुराती हुई जो तस्वीरें लगी हैं, वह इस बात का सबूत है कि वह पेट्रोल-डीजल के बढ़ते मूल्यों को देखकर वह खुश हो रहे हैं.
केंद्र की गलत नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ रही है पिछले एक साल में एक्साइज ड्यूटी 13 के आसपास बढ़ गई है. आम जनता बिल्कुल त्रस्त है. हम सरकार से मांग करते हैं इस पर विलंब काम किया जाए और एक्साइज ड्यूटी कम कर जनता को राहत दिया जाए.
वहीं देशभर में पेट्रोल और डीजल और गैस के दामों में बढ़ोतरी के खिलाफ लगातार आंदोलन हो रहा है. इसी क्रम में आज राजधानी रांची में यूथ कांग्रेस ने बढ़ते पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों पर साइकिल रिक्शा रैली निकाल केंद्र सरकार का विरोध किया. इस दौरान झारखंड प्रदेश यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष कुमार गौरव, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव बल्लव और विधायक दीपिका पांडेय, विधायक राजेश कच्छप सहित काफी संख्या में कांग्रेसी और आम लोग शामिल हुए.
साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने केंद्र सरकार पर जमकर ताने मारे. उन्होंने कहा कि जीडीपी अब गैस डीजल पेट्रोल बन गया है. केंद्र सरकार कहती है कि महंगाई रोकना हमारे हाथ में नहीं है तो आपके हाथ में क्या है. आपके हाथ में लोगों को रोजगार देना नहीं है. आपके हाथ में पेट्रोल-डीजल के एक्साइज ड्यूटी कम करना नहीं है. गैस के दाम कम करने नहीं हैं. आपके हाथ में कोरोना को कंट्रोल करना नहीं है. आपके हाथ में लाल किले में उपद्रवियों को रोकना नहीं है तो फिर आपके हाथ में क्या है. अगर आपके हाथ में कुछ नहीं है तो आप को सत्ता में बैठने का अधिकार भी नहीं है.
गौरी रानी की रिपोर्ट