नई दिल्ली : कर्मचारी निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दरों में बड़ी कटौती की गई है. इस रेट ऑफ इंटरेस्ट तो कम करके 8.1 प्रतिशत कर दिया गया है. पिछले 40 सालों में पीएफ पर मिलने वाला यह सबसे कम ब्याज दर है. इस फैसले के बाद लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि कर्मचारी निधि संगठन यानी (ईपीएफओ) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम (पीपीएफ) में से निवेश का कौन सा बेहतर ऑप्शन है. एंप्लॉयज प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) एक सरकारी स्कीम है जिसके द्वारा आपको रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त लाभ मिलता है. वहीं पब्लिक प्रोविडेंट फंड में आपको निवेश के 15 साल बाद से आप एकमुश्त राशि का लाभ उठा सकते हैं.
दोनों स्कीम में मिलता है टैक्स छूट का लाभ
ईपीएफ और पीपीएफ दोनों ही स्कीम में निवेश करने पर Investor को टैक्स छूट का लाभ मिलता है. इसक स्कीम के जरिए इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. लेकिन, हर सैलरी पाने वाला व्यक्ति चाहे वह प्राइवेट सेक्टर में काम करता हो या सरकारी दोनों को ही इस स्कीम में निवेश करना अनिवार्य है. लेकिन, पीपीएफ में निवेश करना वैकल्पिक व्यवस्था है.
EPF और PPF खाते में मिलता है इतना ब्याज दर
अगर हम ईपीएफ और पीपीएफ खाते में ब्याज दर के बारे में बात करें तो दोनों में ब्याज का बड़ा फर्क दिखता है. जहां पीपीएफ खाते में आपको 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिलता है. वहीं कर्मचारी निधि संगठन में निवेश करने पर आपको 8.1 प्रतिशत का ब्याज दर मिलता है. आप पीपीएफ खाते में निवेश कर लिक्विडिटी को बढ़ा सकते हैं. वहीं EPF में निवेश की राशि को बढ़ाने के लिए आप वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड में निवेश कर सकते हैं. यह आपको ज्यादा ब्याज दर देने में मदद करेगा. इसमें निवेश करने के लिए आप ऑफिस के एचआर से पूछकर वीपीएफ में निवेश कर सकते हैं.
रिटायरमेंट के बाद पैसों की जरूरत को पूरा करने में मदद करता है PPF
अगर आपके बुरे समय में अचानक पैसों की जरूरत पड़ गई है तो पीपीएफ अकाउंट से पैसे निकालना आसान होता है. यह आपकी लिक्विडिटी जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है. वहीं आप रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग को देखकर निवेश करना चाहते हैं तो आप ईपीएफ में निवेश कर सकते हैं.