मुंगेर: जिले में पिछले कुछ दिनों से जारी शीतलहर और कड़ाके की ठंड वृद्ध लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। तापमान में लगातार हो रही गिरावट के साथ शीतलहर और ठंड बढ़ने के कारण हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, लकवा व श्वास की बीमारी की समस्या बढ़ गई है। सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जनवरी माह में 1 से 20 जनवरी तक हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक व श्वास की बीमारी से ग्रसित 70 लोग इलाज के लिए भर्ती हुए। इनमें से 27 लोगों की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हो चुकी है। मरने वाले 27 लोगों में 22 लोग वृद्ध हैं, जो 60 से 80 वर्ष के हैं।
ठंड से कितने लोगो कि गई जान
इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक के अनुसार लगातार गिर रहे तापमान और कड़ाके की ठंड के कारण ब्रेन स्ट्रोक, लकवा तथा हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या हाल के दिनों में बढ़ी है। खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में बढ़ते ठंड के कारण यह समस्या अधिक देखी जा रही है। सदर अस्पताल के आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले बीस दिनों में सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में स्ट्रोक और हार्ट अटैक के 24, तथा श्वांस की बीमारी से ग्रसित 46 कुल 70 लोग इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हुए। आईसीयू वार्ड में इलाज के दौरान इनमें से 27 लोगों की मौत हो गई। मृतको में अधिकांश वृद्ध शामिल हैं। चिकित्सकों ने कड़ाके की ठंड में खासकर वृद्ध लोगों को एहतियात बरतते हुए ठंड से बचने की सलाह दी है।
शीतलहर में रहना चाहिए सावधान
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा.रमण कुमार बताते हैं कि शीतलहर और कड़ाके की ठंड में बुजुर्ग लोगों को ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक सहित श्वांस संबंधी बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में वृद्ध लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। बेवजह घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। जब भी घर से बाहर निकलें समूचे शरीर को गर्म कपड़ा से ढंक कर निकलें। घर में आग की व्यवस्था कर आग सेकें। समूचे शरीर को ढक कर रखने वाला गर्म कपड़ा पहनें। सूर्य की किरण निकलने के बाद ही घर से निकलें। खासकर डायबिटिज और ब्लड प्रेशर से ग्रसित लोगों को ठंड से ज्यादा बचाव की जरूरत है।