धनबाद : देश को यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन ड्रीम प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है. यूरिया क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाने के बाद देश के किसानों को खाद की किल्लत से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. माना जा रहा है कि गोरखपुर के बाद सिंदरी और बनौरी में खाद कारखाना चालू हो जाने के बाद यूरिया के क्षेत्र में देश बहुत हद तक आत्मनिर्भर हो जाएगा. ये तीनों कारखाना हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की इकाई हैं. हर्ल संयुक्त रूप से एनटीपीसी, कोल इंडिया, इंडियन आयल, फर्टिलाइजर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड और हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कारपोरशन लिमिटेड की एक कंपनी है. इसके परिचालन के लिए कोल इंडिया ने 2295.96 करोड़ पूंजी निवेश की मंजूरी दी है.
8 दिसंबर को पीएम ने गोरखपुर इकाई का किया उद्घाटन
गोरखपुर का खाद कारखाना साल 1990 से बंद पड़ा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में इसे दोबारा शुरू करने का फैसला किया. फर्टिलाइजर के दौबारा चालू हो जाने से इलाके के किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध होगी. इस कारखाने से प्रतिदिन 3,850 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया एवं 2,200 मीट्रिक टन लिक्विड अमोनिया का उत्पादन होगा. साथ ही यह कारखाना करीब 20,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार देगा. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ दिसंबर को किया. उम्मीद की जा रही है कि अगले साल मार्च के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंदरी कारखाना का भी उद्घाटन करेंगे.
कोल इंडिया ने 2295.96 करोड़ निवेश को दी मंजूरी
कोल इंडिया लिमिटेड ने प्राकृतिक गैस आधारित तीन उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार में इक्विटी पूंजी के एक हिस्से के रूप में 2295.96 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दी है. इन खाद कारखानों में गोरखपुर (उत्तरप्रदेश), बरौनी (बिहार), सिंदरी (झारखंड) शामिल है. कोल इंडिया द्वारा एल्युमिनियम वैल्यू चैन तैयार की जाएगी. इसके लिए सीआईएल बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान कर दी है. एल्युमिनियम वैल्यू चैन के तहत बाक्साइट की माइनिंग, रिफाइनिंग और स्मेल्टिंग का कार्य शामिल है. इसके अलावा सीआईएल बोर्ड ने सोलर वैल्यू चैन, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कदम रखने के लिए भी मंजूरी दे दी है. उक्त तीनों क्षेत्रों में कदम रखने के लिए अध्ययन कराया जा रहा है. इस आशय की जानकारी केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राज्यसभा में देते हुए विस्तार से कार्य योजना के बारे में जानकारी दी.
पावर प्लांटों को नहीं होगी कोयला की कमी
पावर प्लांटों को कोयला की स्थिति को लेकर केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्ललाद जोशी ने बैठक की. बैठक में कोयला व उर्जा मंत्रालय के वरीय अधिकारी मौजूद थे. कोयला सचिव अनिल जैन ने कहा कि कोल इंडिया लगातार कोयला सप्लाई की गति लाने की दिशा में काम कर रही है. पावर प्लांटों को कोयला स्टाक में कमी नहीं होगी. उत्पादन के साथ साथ डिस्पैच को लेकर लगातार नजर रखी जा रही है. कोयला मंत्री ने कहा कि स्थिति में काफी सुधार हो रहा है. हर कंपनी को उत्पादन व डिस्पैच लक्ष्य को पूरा करने के लिए कहा गया है. साथ ही डिस्पैच को लेकर रेलवे से भी रैक समय पर उपलब्ध कराने के लिए कहा है.