पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दफ्तर के विस्तार के सरकार से जमीन की मांग की गई है. राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस बाबत नीतीश कुमार को पत्र लिख कर पार्टी ऑफिस के बगल वाली 14000 स्क्वायर फीट की जमीन राजद को सौंपने की मांग की है. इससे पहले मार्च महीने में उन्होंने भवन निर्माण विभाग को इस बाबत पत्र लिखा था, लेकिन उनकी मांग खारिज कर दी गई थी.
2006 के बाद सभी को दी जमीन
हालांकि, राज्य सरकार ने पार्टी की इस मांग पर असमर्थता जताई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को साफ तौर पर कह दिया कि जमीन देना संभव नहीं है. पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वो क्या बोलते हैं ये वो ही जानें. ये सब उन्हीं से जाकर पूछिए. आज तक जो सभी पार्टियों को जमीन दिया गया, 2006 के बाद इंतजाम जो किया गया ये सबको मालूम है. उन्होंने कभी किसी पार्टी को जमीन नहीं दी.
नीतीश कुमार ने कहा कि ये जमीन हमने ही न उन्हें दी है और जो उन्होंने पसंद की है, वही दी है. बताइए अब क्या आसमान से लाया जाएगा जमीनवां. इधर, बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने पूरे मामले पर कहा कि जगदानंद सिंह एक सीनियर लीडर हैं और हमने उनके साथ भी काम किया है. आरोप लगाना एक अलग बात है, लेकिन किन परिस्थितियों में मकान का अलॉटमेंट हुआ था, कब हुआ था, दल गत स्थिति तब क्या थी, ये सब देखना भी जरूरी है.
जमीन देना संभव नहीं
जदयू कार्यालय की जमीन के संबंध में उन्होंने कहा कि ये तो किस्मत की बात है कि हमारे कार्यालय के पास हमें और जमीन मिल गई. तब हमने पार्टी कार्यालय का विस्तार किया. 2005 में हमारे पास 88 विधायक थे. उस वक्त ऐसा तो नहीं था कि हमें अधिक जमीन मिल गई थी. विधायकों की संख्या से मतलब नहीं है. हमें बस खाली जमीन मिल गई. जगदानंद सिंह जो जमीन मांग रहे हैं वो हाई कोर्ट पूल की जमीन है और उसकी संचिका बनी हुई है. उसे रिकंस्ट्रक्ट करना है. ऐसी परिस्थिति में जमीन देना संभव नहीं है.
उन्होंने कहा कि हमारे नेता इन सब मामलों में बहुत उदारवादी हैं. लेकिन आज हमारी संख्या कम है, कल ज्यादा हो जाएगी तो अधिक जमीन मांगने लगेंगे. ऐसा थोड़ी है. पॉलिसी के तहत काम होता है. अब पशुपति पारस कहेंगे कि मेरे आवास को बढ़ा दीजिए, तो कहां लेकर जाएंगे. उनके आवास के पास तो एयरपोर्ट है.
जगदानंद ने कही ये बात
दरअसल, जगदानंद सिंह का कहना है कि राजद राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है. लोग सबसे अधिक इसी पार्टी के कार्यालय में आते हैं. लेकिन जगह कम होने की वजह से परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि जदयू प्रदेश कार्यालय करीब 60000 स्क्वायर फीट में बना है. वहीं, बीजेपी का प्रदेश कार्यालय भी 50000 स्क्वायर फीट से ज्यादा क्षेत्रफल में है. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय के लिए जगह काफी कम पड़ रही है, क्योंकि यहां महज 20000 स्क्वायर फीट में ही काम चलाया जा रहा है.
विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट