PATNA: बिहार की राजनीति में उपेंद्र कुशवाहा लगातार बगावती तेवर दिखा रहे हैं। लेकिन कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बार यह साफ कर दिया है कि वह आए ही क्यों थे पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब समाधान यात्रा के दौरान सवाल पूछे गए कि उपेंद्र कुशवाहा ने अलग से जदयू के कार्यकर्ताओं की 19 और 20 फरवरी को बैठक बुलाई है तो नीतीश कुमार ने इस पर कहा “इन सब चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। आप जानते हैं अगर आप पूछ रहे हैं तो मुझे बताना पड़ेगा कि बताइए उस आदमी को हम कितना बढ़ाये एमएलए बना दिए। हम लोग अपनी तरफ से पार्टी का लीडर बनाए। फिर उसके बाद भाग गए। फिर एक बार आ गया। एमपी बनना था तो उसको राज्यसभा भी बना दिए। फिर भाग गया। फिर तीसरा बार आ गया और तीसरा बार आ गया कहा कि हम हर हालत में रहेंगे और आजकल क्या बोल रहे हैं ।
“जब कोई भी आदमी कुछ बोलता है ,हम सवेरे जब निकलते हैं, तो हम इतना घूम रहे हैं । आजकल हम ज्यादा देख नहीं पाते हैं लेकिन जब भी हम अखबार या कुछ भी देखते हैं तो लिखा रहता है। कहीं पर क्या मतलब है । इन सब चीजों का आए काहे के लिए… आए तो हमने इज्जत दे दिया… जब बीच में बात आई तो कहा कि बात करेंगे । लेकिन बात ही नहीं कर रहे हैं।”
“बात करते तो हम समझाते हम इज्जत देते रहे अब अचानक फिर क्या हो गया यह 2 महीने के अंदर यह सब शुरू हो गया अब इसके लिए रोज बोलना रोज बोलने का मतलब प्रचार का मतलब इसका प्रचार कौन करता है हमारी पार्टी में कोई बोलेगा तो इसका प्रचार तो नहीं होगा यह किसी और के लिए बोल रहा है इसीलिए प्रचार हो रहा है हम तीसरी बार भी इनको एक्सेप्ट कर लिए आज तक हमारी पार्टी से दो बार जो छोड़ा तीसरी बार भी हम एक्सेप्ट कर लिए।”
भाजपा की ओर से बयानबाजी के आरोप पर कहा प्रचार हो रहा है तो आप समझ रहे हैं सब का प्रचार होता है क्या जब किसी का प्रचार होता है तो आप समझ जाइए कहां से प्रचार हो रहा है आप समझ जाइए कौन मौका दे रहा है हम लोगों के अध्यक्ष ने तो कह दिया और हमने भी सबको कह दिया है कि कुछ बोलने की जरूरत नहीं है जो बोले जो इच्छा हो बोलते रहे कोई मतलब नहीं है आप देख रहे हैं क्या स्थिति है पार्टी की जरा बताइए तो पिछली बार से भी ज्यादा लोग पार्टी में शामिल हुए हैं हम लोग इधर आ गए तो सब साथ ही था
पार्टी छोड़कर अगर वह जाएंगे तो जाने दीजिए चिंता मत करिए हमारी पार्टी को एक बार किसी ने नुकसान किया जिसके साथ हम 2017 में आए थे दोबारा और 19 में उनको चुनाव लड़ना था पार्लियामेंट का जब हम लोगों ने कहा कि हमारे लोगों को तीन चार सीट तो दीजिएगा मंत्रिमंडल में तो वह एक ही कह रहे थे तो हमने कहा नहीं विधानसभा चुनाव में भी हम लोगों के उम्मीदवारों के खिलाफ अभियान चलता रहा लेकिन हम लोग उनको सपोर्ट कि कल होकर देख लीजिएगा पता चल जाएगा अगर कोई आता है और फिर जाता है इसके बाद हम लोगों को कोई मतलब नहीं है रहिएगा काम कीजिएगा ठीक है लेकिन आप रोज बोलिएगा तो इसका मतलब साफ है कि कहीं और का विचार हो गया है।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट