औरंगाबाद : समाज सुधार अभियान’ के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को औरंगाबाद पहुंचे. यहां पुलिस लाइन मैदान में कार्यक्रम हो रहा है. सभा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दीप जलाकर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन, मंत्री जनक राम, विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, मंत्री सुनील कुमार, मंत्री संतोष कुमार सुमन और मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह समेत कई अधिकारी भी पहुंचे हैं. बता दें कि नीतीश कुमार की आज छठे चरण की यात्रा है. 22 दिसंबर से मोतिहारी से इस अभियान की नीतीश कुमार ने शुरुआत की थी.
पहले गया के गांधी मैदान में होना था कार्यक्रम
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में मगध प्रक्षेत्र के साथ शाहाबाद रेंज के सभी आठ जिलों के पुलिस अधिकारी से लेकर अन्य पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार हर जिले में शराबबंदी, दहेज प्रथा, बाल विवाह को लेकर जागरुकता की बात करेंगे. बता दें कि पहले यह कार्यक्रम गया के गांधी मैदान में होना था. तय कार्यक्रम के अनुसार सीएम के कार्यक्रम को लेकर गया में भी तैयारी की जा रही थी लेकिन अचानक कार्यक्रम का स्थान बदलकर औरंगाबाद कर दिया गया. इसके पीछे कोरोना की बढ़ती संख्या वजह मानी जा रही है. क्यों बिहार में पटना के बाद सबसे अधिक गया से ही कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं.
आपको बता दें कि जैसे ही पता चला कि गया कि जगह अब औरंगाबाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यक्रम होने है तो औरंगाबाद के डीएम सौरभ जोरवाल और एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने अन्य अधिकारियों के साथ पहुंचकर तुरंत पुलिस लाइन का निरीक्षण किया था. इसके बाद मंगलवार को अपने तय कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुलिस लाइन मैदान में कार्यक्रम को संबोधित करने पहुंच चुके हैं.
आमिर सुबहानी ने शराबबंदी को लेकर कही बड़ी बात
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि इसमें कहीं संदेह नहीं कि शराब, दहेज और बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है और सामाजिक बुराई से तो लड़ना ही चाहिए. इसमें कहीं दो राय नहीं है. मानव इतिहास में जितने भी महापुरुष, ऋषि मुनि, समाज सुधार यही करते आए हैं. इस देश में लंबे समय से दहेज विरोधी कानून था, बाल विवाह विरोधी कानून था, तो शराब विरोधी कानून क्यों नहीं बन सकता? बनना ही था. ये अलग बात है कि जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपनी बात कही कि शराब को रोकने के लिए कानून बनना चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन में कहीं न कहीं यह इच्छा थी कि तभी तो उनकी बात मानी और राज्य में शराबबंदी कानून लागू हो सका.
आग्रह-सत्याग्रह करें
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि शराबबंदी कानून बिहार में आया ये सफल रहा और टिक सका, ये जीविका दीदियों और समाज के सहयोग से संभव हुआ. समूह में जुड़ें, दोबारा पक्का इरादा करें और जुट जाएं कि शराब को समाज से उखाड़ फेंकेंगे. समाज में इसे दोबारा नहीं आने देंगे. जहां भी आप देखें कि शराब पीने की, बेचने की गतिविधि का प्रयास होता है तो उसको रोकिए. हालांकि अब कोई प्रयास भी नहीं करेगा क्योंकि कड़ाई बहुत है. अगर फिर भी कोई नहीं माने तो आग्रह-सत्याग्रह कीजिए. इसके बाद भी नहीं माने तो आपको जो नंबर दिया गया है उसपर संपर्क कीजिए. आज जीविका दीदियों और स्वयं सहायता समूह से ही यह सफल हुआ है.
डीजीपी एसके सिंघल ने क्या कहा?
सभा को संबोधित करते हुए बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि पुलिस विभाग में 37 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं के लिए है. आप एक बार आसपास देख लीजिए कि आज की तारीख में देख लें कि पुलिस विभाग में बेटियां ज्यादा नजर आएंगी, बेटे कम. सिर्फ इंटर तक पढ़ाई करवानी है. एक बात मैं और कहना चाहूंगा कि अगर हमारे युवा जन जो हैं जो गलत काम करेंगे, गलत संगत में पड़ेंगे तो वो पुलिस केस में फंस जाएंगे. फिर उनका चरित्र प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा और फिर उनको प्राइवेट या सरकारी नौकरी नहीं मिल पाएगा. जो लोग गलत काम में सक्रिय हैं वो सतर्क हो जाएं क्योंकि पुलिस या एक्साइज विभाग किसी भी कीमत पर उन्हें नहीं छोड़ेगी.