द एचडी न्यूज डेस्क : सीएम नीतीश कुमार का जनता दरबार लग चुका है. आज जनता दरबार का तीसरा सोमवार है. नीतीश दूसरी बार जनता दरबार लगा रहे हैं. सप्ताह के हर सोमवार को जनता दरबार लगाया जाता है. सीएम नीतीश के जनता दरबार में अभी भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांच साल के बाद फिर एक बार जनता दरबार लगाकर लोगों की शिकायतों को सुनकर उसका समाधान करने में जुट गए हैं. बिहार में कोरोना संक्रमण कम होने के बाद जनता दरबार में लोग शिकायत करने के लिए भी पहुंच रहे हैं. सोमवार को पहुंचे लोगों ने नीतीश कुमार के सामने अपनी समस्या सुनाई जिसका मुख्यमंत्री ने उससे संबंधित विभाग को फोन लगाकर तुरंत समस्या का समाधान करने के लिए कहा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में अधिकांश मामले पुलिस और जमीन से जुड़े आ रहे हैं. ऐसा लग रहा है मानों बिहार में पुलिस और अफसर राज कर रही है. ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि जनता दरबार में आज कई सारे ऐसे मामले आए. जिससे कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है. आज मठ की जमीन पर अवैध कब्जा को लेकर एक शख्स ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराया. धार्मिक न्याय बोर्ड ने जमीन कब्जा करने वाले लोगों को ही मठ की कमेटी का सदस्य बना दिया है. सजायाफ्ता को कमेटी का मेंबर बना दिया गया. सीएम नीतीश यह बात सुन गुस्से में आ गए. उन्होंने अपने प्रधान सचिव से कहा यह कैसे हो गया? यह कैसे किया.. यह तो विचित्र बात है. जिसने मठ की जमीन को कब्जा किया उसी को मठ की कमिटि का सदस्य बना दिया गया. यह कैसे हो गया. मुख्यमंत्री ने अपने प्रधान सचिव को कहा कि कहिए चीफ सेक्रेट्री को की तुरंत बात करें.
जमुई से आए एक शख्स ने मुख्यमंत्री से पूर्व मंत्री के एक रिश्तेदार पर जमीन कब्जा का आरोप लगाया. जमुई के एक युवक ने सीएम नीतीश के जनता दरबार में कहा कि जमुई में हमारी जमीन का कब्जा किया जा रहा है. उस शख्स ने सीएम नीतीश से कहा कि पूर्व मंत्री दामोदर रावत के साले ने दबंगई कर कब्जा कर लिया है. पुलिस इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही. मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को इस मामले को देखने को कहा.
एक पत्रकार की पत्नी ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई. मोतिहारी के पताही से आये एक अखबार के पत्रकार नीरज सिंह की पत्नी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की. पत्रकार की पत्नी ने सीएम से कहा कि हमारे पति को साजिशन हत्या के एक मुकदमे में फंसा दिया गया है. वहां के स्थानीय डीएसपी की विरोधियों से मिलीभगत है. जानबुझकर उनके पति को फंसाया गया है. मुख्यमंत्री ने आवेदिका की बात सुनकर डीजीपी से पास भेज दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि आप वहां जाकर पूरी बात बताइए वो इस मामले को देखेंगे.
मुजफ्फरपुर से आए इस शख्स की बात सुनकर मुख्यमंत्री तनाव में आ गए. तुरंत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाया और कहा कि तुरंत इसको दिखवाइए. युवक कह रहा कि जनता दरबार जाने की बात कहने पर वहां का अधिकारी कहता है कि प्रधानमंत्री के यहां जाओ. यह कह रहा कि बिना पैसे का कुछ नहीं होता. इसकी जांच करवाइए और कार्रवाई करिए.
दरअसल, एक युवक मुख्यमंत्री से शिकायत किया कि उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है. इसको लेकर हम हर जगह गए लेकिन न्याय नहीं मिला. थाना वाला मिला हुआ है. शख्स ने कहा कि हम कहां जाएं आप ही बताइए… कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. यह कहकर युवक फुट-फुट कर रोने लगा. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा.
जनता दरबार में इस बार कई सारे ऐसे मामले आ रहे हैं कि पुलिस सुन नहीं रही है भगा दे रही है. अधिकारी सुन नहीं रहे हैं, कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. जिससे जो अब अपराधी हैं जो उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है. पुलिस वाले अधिकारी पैसे खा कर चुप बैठे हुए हैं. इसको लेकर आज मुख्यमंत्री ने बिहार के प्रधान सचिव तक से जवाब तलब किया.
संजय कुमार मुचनुन की रिपोर्ट