NALANDA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज नालंदा जिले के रहुई प्रखंड स्थित राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पैठना-भागनबिगहा, रहुई, नालंदा के दंत अस्पताल का शिलापट्ट अनावरण कर एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने उद्घाटन के पश्चात् राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य दंत चिकित्सा नैदानिक लैब, ओरल मेडिसिन नैदानिक लैब आदि का जायजा लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल पैठना-भागनबिगहा, रहुई, नालंदा का दंत अस्पताल बनकर तैयार हो गया है, यह काफी खुशी की बात है। हमारे मन में यह बात काफी पहले से थी। आपको मालूम है कि पूरे बिहार में हर प्रकार से विकास का काम किया जा रहा है।
नालंदा में भी अलग-अलग जगहों पर कई काम किये गये हैं। रहुई काफी सुंदर जगह है। सड़कें काफी ठीक ढंग से बनाई गई हैं इसके बगल में फोर लेन भी बन रहा है। अब लोग कहीं से भी सहूलियत पूर्वक यहां आवागमन कर सकते हैं। यह बिहार ही नहीं देश का एक खास अस्पताल है, जहां इलाज के साथ-साथ पढ़ने की भी काफी अच्छी सुविधा है। दांतों के इलाज के अलावा अन्य प्रकार की चिकित्सा के लिये भी यहां सौ बेड का इंतजाम रहेगा।
यहां चिकित्सकों के रहने की भी व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि जब भी हम इधर से गुजरते थे तब इस अस्पताल के निर्माण की अद्यतन जानकारी विभागीय अधिकारियों से लेते रहते थे। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने मई 2023 तक इस राजकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का काम पूरे करने के प्रति मुझे आश्वस्त किया है। अपना दांत दिखाने के लिये अब हम भी यहीं आयेंगे। अब तक दिल्ली एम्स जाते रहे हैं।
यहां जितनी अच्छी व्यवस्था है उतना दिल्ली एम्स में भी नहीं है। चिकित्सकों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री कहा कि यहां दंत चिकित्सा के लिये काफी संख्या में लोग पहुंचेंगे। काफी बेहतर ढंग से उनका इलाज करियेगा। महिला चिकित्सक भी यहां पदस्थापित हैं। महिलाओं को इलाज में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। नालंदा जिला में मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज भी बनवाया गया है और अब दंत चिकित्सा के लिये भी इस अस्पताल का निर्माण कराया गया है। जो लोग अपना इलाज के लिये यहां आयें उन्हें कोई असुविधा न हो इसके लिये मेंटेनेंस के साथ-साथ साफ-सफाई का भी पुख्ता प्रबंध रखें। हर प्रकार से काम करवाया जा रहा है। हमलोग पूरे बिहार में मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज बनवा रहे हैं।
कोरोना के दौर में भी काफी अच्छे ढंग से जांच और इलाज की व्यवस्था पूरे बिहार में की गई थी। अभी भी प्रतिदिन कोरोना का जांच किया जा रहा है, इसकी रिपोर्ट मुझे हर रोज मिलती है। पूरे देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना जांच की संख्या औसतन 6 लाख 50 हजार थी, जबकि यह बिहार में 8 लाख से भी ज्यादा है। केंद्र सरकार द्वारा कोरोना मृतक के आश्रितों को मात्र 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का प्रावधान किया गया, जबकि हमलोग शुरू से ही 4 लाख रुपये दे रहे हैं। अभी भी जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में कोरोना मृतक के मुआवजा की शिकायतें मिलती हैं, उन्हें भुगतान करने की दिशा में कार्रवाई की जाती है।
नालंदा विश्वविद्यालय सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय था। अब उसे काफी बेहतर ढंग से बनाया जा रहा है। दिल्ली में अभी जो लोग हैं, उनसे कोई उम्मीद नहीं है। इनसे मुक्ति मिलेगी तो नालंदा विश्वविद्यालय और बेहतर बनेगा। हमलोग नालंदा विश्वविद्यालय में सामान्य पढ़ाई के लिये नहीं बल्कि विशेष पढ़ाई के लिये व्यवस्था की है।
पटना से कुमार गौतम की रिपोर्ट