रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा को खुली चुनौती दी है. ममता बनर्जी के विपक्ष के नेताओं को लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए बोले मुख्यमंत्री, यह आने वाले वक्त के लिए अच्छा संकेत नहीं है. झारखंड में झामुमो-कांग्रेस और राजद के महागठबंधन की सरकार गिराने संबंधी बयानों पर हेमंत ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा झारखंड में पहले नेता प्रतिपक्ष तो बना ले, फिर सरकार गिराने की बात सोचे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया है कि भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का उपयोग अपने सहयोगी की तरह करती है. वे बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुधवार को प्रमुख विपक्षी नेताओं को इस बाबत लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में मीडिया से मुखातिब हेमंत सोरेन ने कहा कि चुनाव में भारतीय जनता पार्टी किस तरह से तमाम हथकंडे अपनाती है, यह स्पष्ट रूप से दिखता है. भाजपा सभी प्रकार के छल-प्रपंचों का उपयोग बेहतर ढंग से करती है.
सीएम ने कहा कि बीजेपी संवैधानिक संस्थाओं का उपयोग अपने सहयोगी की तरह करती है. भाजपा जिस प्रकार राजनीति को परिभाषित करने में जुटी है, वह आने वाले वक्त के लिए अच्छा संकेत नहीं है. मधुपुर उपचुनाव के बाद राज्य सरकार को अस्थिर करने संबंधी भाजपा नेताओं के बयान पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा पहले नेता प्रतिपक्ष बना ले और उसके बाद सरकार को लेकर कोई कयास लगाए.
वित्तीय वर्ष की समाप्ति संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के बावजूद राज्य का वित्तीय प्रबंधन बेहतर रहा है. जब कोविड महामारी नहीं थी, उस स्थिति में इस बार आ जाएंगे. आय-व्यय का लेखा-जोखा देर रात तक चलता है. राज्य में बजट की 70 प्रतिशत राशि खर्च होने का अनुमान है.