RANCHI: झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के अंदर 1932 के खतियान पर सर्वसम्मति बनाने का राजनीतिक प्रयास जारी है. गुरुवार देर शाम को मुख्यमंत्री आवास पर हुई UPA विधायकों की बैठक में ये मुद्दा छाया रहा. हालांकि मीडिया के समक्ष विकास योजनाओं को लेकर UPA के विधायक दलील देते रहे, पर कांग्रेस की सांसद गीता कोड़ा और विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की.
सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि जिस मुद्दे को पिछले कुछ दिनों से वो उठा रही हैं और पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने का काम किया, उसको मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना है. 1932 के बजाय खतियान आधारित स्थानीय नीति बननी चाहिये. 1950 में जब जमींदारी प्रथा खत्म हुई उस वक्त का क्या होगा, बिरहोर समाज का क्या होगा. इन सभी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिये.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खतियान के मुद्दे पर एक और बैठक करने का आश्वासन दिया है. झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने भी कहा कि एक अलग से बैठक होने पर सहमति बनी है. साथ उन्होंने कहा है कि बाहरी – भीतरी का कोई मतभेद नहीं होना चाहिये.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा है कि कोई बाहरी या भीतरी नहीं है. इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलने वाले मंत्री और विधायकों ने विकास योजना का राग अलापा. सत्ताधारी विधायकों को एक विशेष नंबर भी जारी कर दिया गया है. जिस पर वो आपात स्थिति में सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रख सकेंगे.
रांची से गौरी रानी की रिपोर्ट