रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज जमशेदपुर और खूंटी के गुरुकुल छात्रों को नियुक्ति पत्र दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने नियुक्तियों की आंकड़े गिनाए. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत ने बताया कि राज्य की सरकार रोजगार को लेकर गंभीर है. बहुत जल्द नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू होगी. अबतक उनकी सरकार के द्वारा दिए गए नियुक्तियों का ब्यौरा भी मुख्यमंत्री ने पेश किया.
वहां मौजूद गुरुकुल के छात्रों से मुख्यमंत्री ने अपील कर कहा कि रोजगार हासिल करने के बाद आप रोजगार देने वाले बने झारखंड के युवाओं में क्षमता की कमी नहीं है, बस उसे तराशने की जरूरत है. वहीं सीएम ने हर छात्रों को नियुक्ति पत्र देकर सम्मानित किया और सभी के साथ एक ग्रुप फोटो में खिंचावाए.
राज्य सरकार ने इस वर्ष को नियुक्ति वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प लिया है. इस सिलसिले में सरकारी और निजी क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. लगभग 5 सालों से लंबित जेपीएससी की परीक्षा सफलतापूर्वक ली गई. 700 शिक्षकों और मनरेगा में 500 पदों समेत अन्य खाली पदों को भरने की दिशा में भी कार्रवाई हो रही है. इसके पहले लगभग 600 चिकित्सकों, 24 खेल पदाधिकारियों, 40 खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
इसके अलावा एसीसी कंपनी में डेढ़ सौ युवाओं को स्थायी नौकरी और दूसरे राज्यों में काम कर रही यहां की 200 युवतियों को अपने घर में ही टेक्सटाइल उद्योग में रोजगार से जोड़ा गया. 900 से ज्यादा बच्चियों को प्रशिक्षित कर नर्स बनाया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ये बातें कहीं. मौका था कल्याण गुरुकुल खूंटी एवं जमशेदपुर में प्रशिक्षित छात्रों को नियुक्ति पत्र प्रदान करते के लिए आयोजित समारोह का. इस मौके पर उन्होंने 238 छात्रों को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.
कोरोना काल से निकलकर युवाओं को दे रहे रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग डेढ़ सालों से कोविड-19 महामारी से देश-दुनिया अस्त व्यस्त है. झारखंड की व्यवस्था भी इस दौरान ठप्प सी हो गई. लेकिन, इस चुनौती भरे काल में ग्रामीणों, किसानों, नौजवानों, वंचितों, बेरोजगारों और महिलाओं समेत सभी जरूरतमंदों को सरकार से जोड़ने का काम किया गया. विशेषकर, लॉकडाउन के दौरान दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को ना सिर्फ हवाई जहाज और ट्रेनों से वापस लाया गया, बल्कि उनके लिए मुफ्त भोजन तथा रोजगार के लिए कई नई योजनाओं की शुरुआत की, ताकि उनका मनोबल बना रहे. हमारी सरकार के बेहतर प्रबंधन का ही नतीजा था की लॉकडाउन के दौरान किसी की भी मौत भूख से नहीं हुई.
ग्रामीण युवाओं को स्वावलंबी बनाने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं में प्रतिभा है और उसे निखार कर रोजगार से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, फूलो झानो आशीर्वाद योजना, मनरेगा के तहत बिरसा हरित ग्राम योजना और शहीद पोटो फोटो हो खेल मैदान योजना जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन सभी योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
नर्सिंग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. देश विदेश में नर्सों की काफी मांग है. ऐसे में पुरुषों के लिए भी अब नर्सिंग में प्रवेश का दरवाजा सरकार ने खोल दिया है. युवाओं से आग्रह है कि वे भी नर्सिंग की ट्रेनिंग लें.
प्रशिक्षण के साथ प्लेसमेंट भी
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के कौशल विकास के लिए सरकार कई प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है. कल्याण गुरुकुल में भी युवाओं को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यहां उनका प्लेसमेंट भी हो रहा है. इससे वे अपने पैरों पर खड़ा होने के साथ परिवार और समाज को मजबूत और बेहतर बनाने में अपना योगदान देंगे. इसके साथ ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण युवाओं को इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़ने की प्रेरणा मिलेगी. उन्होंने कहा कि यहां से प्रशिक्षण के बाद जिन युवाओं का प्लेसमेंट हुआ है, उनका समय-समय पर इंटरनल एसेसमेंट की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो.
स्वरोजगार के लिए भी सरकार दे रही रही ऋण
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो युवा तकनीकी या औद्योगिक प्रशिक्षण लिए हैं. अगर वे स्वरोजगार करना चाहे तो उनके लिए सब्सिडी आधारित 25 लाख रुपए तक का ऋण देने की योजना भी सरकार ने शुरू की है. वे इस योजना का लाभ लेकर अपनी दुकान इत्यादि खोल सकते हैं. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि ये प्रशिक्षित युवक आने वाले दिनों में ना सिर्फ अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी रोजगार का दरवाजा खोलेंगे.
15,000 से ज्यादा युवाओं को मिल चुका है रोजगार
प्रेज्ञा फाउंडेशन द्वारा संचालित कल्याण गुरुकुल खूंटी और जमशेदपुर के 238 छात्रों को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. इनमें अनुसूचित जनजाति के 174 अनुसूचित जाति के सात, ओबीसी के 51 और अल्पसंख्यक वर्ग के छह छात्र शामिल हैं. इन सभी छात्रों का प्लेसमेंट शापूरजी पालन जी, आटोमोटिव एक्सल और विलास जावेडकर जैसी नामी कंपनियों में हुआ है. इन सभी छात्रों ने कल्याण गुरुकुल में निर्माण और इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त किया है. गौरतलब है कि कल्याण गुरुकुल में छात्रों को फिटर, वेल्डर, कारपेंटर, प्लंबर और अपैरल जैसे ट्रेड में प्रशिक्षण देने के साथ प्लेसमेंट की भी व्यवस्था की जाती है. फिलहाल, प्रेज्ञा फाउंडेशन की ओर से राज्य में नौ कौशल विकास कॉलेज और 28 कल्याण गुरुकुल ट्रेनिंग सेंटर चलाए जा रहा है. यहां से अब तक 15,000 से ज्यादा युवाओं को देश विदेश में रोजगार से जोड़ा गया है. इस मौके पर मंत्री चंपाई सोरेन, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे और अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव केके सोन उपस्थित थे.
गौरी रानी की रिपोर्ट