रांची : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने आज एक बड़ा फैसला लिया है. सीएम हेमंत ने सरकार की योजनाएं और कार्य जन-जन तक पहुंचे. राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में अंतिम पंक्ति के लोगों को इसका लाभ मिले, यह हमारा संकल्प है. जनता के प्रति इसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए ‘आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार’ अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत राज्य के गांव-गांव और पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के साथ विकास और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.
योजनाओं के लाभ से कोई वंचित नहीं रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों को नहीं होती है. इस वजह से वे इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं. ऐसे ही लोगों को जागरूक और योजनाओं से जोड़ने के लिए आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान से जुड़कर आप राज्य के विकास में सहभागी बने.
दफ्तरों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड और सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर जरूरतमंदों को हमेशा ही सरकारी दफ्तरों का कई बार चक्कर लगाना पड़ता है. ऐसे में लोगों को इस तरह की समस्याएं ना हो. आपकी समस्याओं का समाधान आपके दरवाजे पर हो , इसी मकसद से यह अभियान चलाया जा रहा है.
कई योजनाएं शुरू, कई की कार्ययोजना तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में लोगों की रोजी-रोटी पर संकट पैदा हो गया था. विषम परिस्थितियों में सरकार ने गरीबों और जरूरतमंदों का पूरा ख्याल रखने का प्रयास किया. लोगों को अपने ही घर पर रोजगार देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई. अब जब स्थिति सामान्य हो रही है तो कई और विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है. इस मौके पर उन्होंने सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लोगों को अवगत कराया.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर जोर, पलायन रोकने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और लोगों की आय में वृद्धि हो, यह सरकार की विशेष प्राथमिकता है. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री पशुधन योजना और मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना समेत कई योजनाएं चलाई जा रही है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पता चला कि राज्य के लाखों मजदूर बड़े शहरों में काम करने को मजबूर है. अब ऐसे मजदूरों को अपने ही गांव-घर में रोजगार मिले, यह सरकार प्रयास कर रहे हैं. इससे पलायन को रोकने में कामयाब होंगे.
अहर्ता रखने वाले सभी को दे रहे पेंशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले अहर्ता होने के बाद भी कई जरूरतमंदों और गरीबों को विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था. इस वजह से सरकार ने सार्वभौमिक पेंशन योजना शुरू की है. इसमें पेंशन के लिए लाभुकों की संख्या सीमा समाप्त कर दी गई है. 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को पेंशन देने का सरकार निर्णय लिया है. वही, सभी विधवाओं, परित्यक्ता और दिव्यांगों को भी पेंशन मिलेगा.
महिला समूहों को बना रहे सशक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला समूह को सशक्त बनाने के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है. इसके अलावा सखी मंडलों के उत्पाद को व्यवसायिक रूप देने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इसके लिए पलाश ब्रांड के माध्यम से उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने का काम सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि सखी मंडलों के उत्पादों का टर्नओवर 15 सौ करोड़ करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है.
लाभुकों को विभिन्न योजनाओं का मिला लाभ
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सोना सोबरन धोती-साड़ी योजना के 10, प्रधानमंत्री आवास योजना के 10, मनरेगा शेड के 5, मुख्यमंत्री पशुधन योजना के 10, फूलो झानो योजना के 5, कंबल वितरण और पेंशन स्वीकृति के 5, मच्छरदानी वितरण योजना के पांच लाभुकों के बीच सांकेतिक रूप से परिसंपत्तियों का वितरण किया. इसके अलावा सांकेतिक तौर पर जेएसएलपीएस एसएसजी बैंक लिंकेज योजना के तहत पांच सखी मंडलों के बीच पांच करोड़ रुपए, भैरवा जलाशय में अंगुलिका संचयन के लिए छह लाभुकों को संयुक्त रूप से 18 लाख रुपए, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत दो लाभुक को क्रमश 25 लाख एवं 15 लाख रुपए तथा दो लाभुकों को भू बंदोबस्ती पट्टा सौंपा गया.
गौरी रानी की रिपोर्ट