PATNA: बिहार सरकार ने आरोप लगाया है कि बीजेपी नियुक्ति पत्र रोक कर रखी थी।
इसको लेकर राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा “मुझे तो आश्चर्य होता है कि जन्मदिन के दिन भी महज 150 लोगों को नियुक्ति पत्र बांटा, वो भी उनको जिनकी नियुक्ति पहले हो चुकी थी। सरकार बने 3 महीने हो चूके और उसके बाद नियुक्ति पत्र उनको बांटा गया। जिनकी नियुक्ति हमारे समय में हो चुकी थी।”
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा “अगर हिम्मत है तो इन्होंने कहा था साढ़े 5 लाख नई नियुक्ति करेंगे। 3 महीने में 5 हजार भी नियुक्तियां नही कर पाए। जैसी नियुक्ति ये कर रहे है। ऐसे में 25 साल में भी 5 लाख नियुक्ति नहीं हो पाएगी। ये लोगों को धोखा दे रहे है। ये बताएं कि नियुक्तियां एनडीए ने की या महागठबंधन ने।”
बिहार का नौजवान समझदार है। इन्होंने जो वादे किए थे नौकरी देने की उसमें यह फेल हो चुके हैं। बूंद-बूंद से सागर भरना चाह रहे हैं। बिहार सरकार के मंत्री रामानंद यादव पर राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया था। इसको लेकर वह आज गवाही देने पटना के एमपी एमएलए कोर्ट पहुंचे।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि मंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था और आरोप लगाया था कि पटना के लोदीपुर और सब्जीबाग इलाके में मंत्री रहते हुए जमीन पर कब्जा कर मार्केट और मॉल का हमने निर्माण कराया और यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद था। जब मैंने उनको नोटिस दिया तो ना ही उन्होंने क्षमा याचना की और न हीं उन्होंने कोई प्रमाण प्रस्तुत किया।
राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा खेतान मार्केट और लोदीपुर से मेरा कोई लेना देना नहीं है। इस प्रकार के बेबुनियाद आरोपों से मेरी छवि धूमिल हुई। इसी वजह से मैंने मानहानि का मुकदमा दर्ज किया। आज इसी पर मेरी गवाही थी और मेरी गवाही पूरी हो गई। गवाही में मैंने बताया कि मॉल और मार्केट से मेरा कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने मंत्री पद पर रहते हुए इस तरह का बेबुनियाद झूठा आरोप लगाया जिससे मेरी छवि धूमिल हुई है। लोगों के मन में भ्रम पैदा हुआ है। या तो वह क्षमा याचना करें नहीं तो उन पर मैं मुकदमा करूंगा।
पटना से विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट