पटना : बिहार के चुनावी समर में लोजपा आज समय में कमर कस चुकी है. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज प्रेस कांफ्रेंस किया. चिराग ने बिहार चुनाव 2020 को लेकर घोषणापत्र जारी किया. चिराग के अलावा घोषणा पत्र जारी करने के वक्त उनके चाचा पशुपति पारस भी मौजूद थे.
लोजपा के घोषणा पत्र ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ विजन डाक्यूमेंट को लॉन्च करते हुए कहा कि पिता रामविलास पासवान के 51 साल के राजनीतिक अनुभव से तैयार किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना साधा. कहा कि 15 साल से सत्ता में रहने के बाद भी वो नली-गली और खेत में पानी पहुंचाने का वादा कर रहे हैं.

जब यही करना था तो बीते 15 साल में क्या किया. बिहार में रोजगार के लिए क्या किया..? बिहार को सशक्त करने के लिए क्या किया. आज की तारीख में विकास के हर मापदंड में देश के बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. पलायन औऱ बाढ जैसे मुद्दों के लिए कुछ नहीं किया गया.
बता दें कि केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के श्राद्धकर्म के बाद आज पहली बार चिराग पासवान पार्टी कार्यालय पहुंचेंगे, जहां से वे घोषणा पत्र जारी करेंगे. चिराग इसी के साथ चुनाव प्रचार प्रसार अभियान की शुरूआत भी करेंगे. इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान एनडीए से बाहर आने के फैसले के पीछे प्रशांत किशोर की रणनीति काम कर रही है.

चिराग पासवान ने कहा आज पहली बार ऐसा हो रहा है कि मैं बिना पापा के प्रेसवार्ता कर रहा हूं. आज के पहले पापा मेरे साथ होते थे या टीवी पर देखते थे. उन्होंने कहा कि शेर का बच्चा हूं, जंगल चिर के निकलूंगा. प्रदेश को समर्पित करने आया हूं. विजन डॉक्यूमेंट मैं और पापा मिलकर इसे तैयार किया है. पापा अस्पताल में होते हुए भी कई चीजों को जोड़ा. मेरे पापा का 51 साल बेदाग राजनीति रही है. मैं जानकार हूं, पढ़ा लिखा हूं, दुनिया घुमा हूं.
चिराग ने कहा कि देश विकास के नए मुकाम हासिल कर रहा है और बिहार का मापदंड पीछे है. नली-गली बनाने से विकास नहीं होता. अभी तक यह सब हो जाना चहिए था. हर घर नल जल योजना से विकास नहीं हुई. बिजली कृषि यह सब पहले हो जाना चाहिए था. पलायन हमारे यहां से हो रहा है. युवाओं का पलायन सबसे बड़ी चिंता की बात है. तीन दशक से केवल बिहार में विकास की बात होती रह गई.
उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री को देखकर ताज्जुब होता है कि किस तरह जातिवाद को बढ़ावा देते हैं. मुख्यमंत्री केवल बाटने का काम कर रहे हैं. सीएम बोलते है कि सरकारी नौकरी दे नहीं सकते. पंजाब और हरियाणा में कारखाना भी है और चलते भी हैं. मुख्यमंत्री के कार्यकाल में चल रही फैक्टरी बंद हो गई. मुख्यमंत्री की सोच ही नहीं है.
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री की राजनीतिक शुरुआत भी युवाओं से हुई है. वह युवाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते है. 20 दिन हमारे 50 साल को आधारित करेंगे. मुख्यमंत्री फरेब का जाल बुनते है. 15 साल बनाम 15 साल की बात करते है. अरे आप बताइए 15 साल में क्या किया. जिनको आप कोसते है उन्हें तो जनता ने 15 साल से सत्ता से बाहर कर दिया. साइकल योजना की शुरुआत कब की. सड़क बिजली की बात करेंगे. सब प्रधानमंत्री की योजना थी. आप केवल श्रेय लेते है. चिराग पासवान ने प्रेस कांफ्रेंस के आखिरी में कहा कि वोट बैंक बनाने का काम मेरी पार्टी लोजपा कभी भी नहीं करती है. हमारा गठबंधन चुनाव के बाद महागठबंधन के साथ नहीं होगा. सवाल नीतीश कुमार से पूछा जाना चाहिए. न की तेजस्वी यादव से पूछा जाना चाहिए.
चिराग ने सीएम नीतीश के पैर छुए
यही वजह है कि खुद को साबित करने के लिए चिराग पासवान ने बिहार में ‘एकला चलो’ का फैसला लिया. चिराग पासवान ने एनडीए से बाहर जाने की वजह सीएम नीतीश कुमार को बताया. चिराग पासवान के मुताबिक बिहार में सीएम नीतीश कुमार का नेतृत्व मंजूर नहीं है. हालांकि, लोजपा की तरफ से ऐसे कयासों को सिरे से खारिज किया गया है.
संजय कुमार मुनचुन की रिपोर्ट