PATNA : पिछले दिनों बिहार में 2 सीटों मोकामा और गोपालगंज में उपचुनाव हुए. मोकामा में जहां महागठबंधन की सरकार बनी. राजद प्रत्याशी नीलम देवी को भारी मत मिला तो वहीं गोपालगंज में बीजेपी प्रत्याशी कुसुम देवी ने राजद प्रत्याशी मोहन गुप्ता को शिकस्त दी. वहीं, राजनीतिक गलियारे में अब यह चर्चा हो रही है कि उपचुनाव में यदि चिराग पासवान ने बीजेपी का साथ नहीं दिया होता तो बीजेपी यह चुनाव नहीं जीत पाती. वहीं अब यह मामला काफी गरमाता जा रहा है. इस मामले को लेकर चिराग पासवान ने प्रतिक्रिया दी है. इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार को जमकर सुनाया भी है.
चिराग पासवान ने कहा कि, मुझे नहीं पता बीजेपी को कितना वोट आता नहीं आता. लेकिन यह बताएं कि क्या महागठबंधन को उतना वोट मिला? जब 2020 में मोकामा में चुनाव हुआ था उस वक्त भी आनंद सिंह को इतना ही वोट आया था. और जब यह बीजेपी से मिलकर लड़े थे उस वक्त भी 40000 वोट आया था. नीतीश कुमार का वोट मात्र 1000 वोट बड़ा है और यह दर्शाता है कि आज की तारीख में कम से कम नीतीश कुमार कोई फैक्टर नहीं रहे हैं. नीतीश कुमार पूरी तरह से अपना जनाधार खो चुके हैं और यह दोनों जगह चुनाव में दिखा। मोकामा में महागठबंधन की जीत नहीं है यह पूरी तरह से अनंत सिंह की अपनी जीत है. उनका अपना प्रभाव क्षेत्र में रहा है और वह अकेले भी लड़ के जीतते रहे हैं. गोपालगंज, जहां है इनको अपना प्रभाव दिखाना था वहां उनकी हार हुई.
वहीं, कुढ़नी में हो रहे उपचुनाव में चिराग पासवान बीजेपी को समर्थन देंगे। साथ ही कहा कि, मुख्यमंत्री कहते क्या हैं और करते क्या हैं. उनकी कार्यशैली में हमेशा मतभेद देखने को मिला है. पहली बात ईडब्ल्यूएस को लेकर हम लोग शुरू से कह रहे थे कि ऐसे लोग जो स्वर्ण समाज से आते हैं और जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है उनको आरक्षण मिलना चाहिए और मजबूती से हमारे नेता रामविलास पासवान और हमारी पार्टी ने लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे और इस बात में हम लोग हमेशा संदेश जता रहे थे कि कहीं ना कहीं कोर्ट कचहरी के मामले में इस आरक्षण को उलझाया जाएगा। संविधान के 9वीं सूची में इस विषय को डालने की मांग हम लोग पहले भी कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं. जातीय जनगणना की मांग नीतीश कुमार ने एक बार फिर से की है और कहा है कि बिहार के साथ-साथ पूरे देश में जातीय जनगणना कराई जाए.
पटना से विशाल भरद्वाज की रिपोर्ट