पटना : लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आज से शुरू हो गया है. छठ पूजा के चार दिवसीय अनुष्ठान में पहले दिन आज नहाय-खाय होगा. दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने साथ ही यह पर्व संपन्न हो जाएगा. इस बार नहाय-खाय आठ नवंबर, खरना नौ नवंबर, शाम का अर्घ्य 10 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 11 नवंबर को है. सूर्योपासना के इस पवित्र चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन छठव्रती श्रद्धालु नर-नारी अंत:करण की शुद्धि के लिए आज नहाय खाय के संकल्प के साथ नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद शुद्ध घी में बना अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू करेंगे.
आपको बता दें कि लोक आस्था के महापर्व की आज से नहाय खाय के साथ शुरुआत हो गई है. आज नहाय खाय के दिन महिला गंगा स्नान के बाद पूजा के प्रसाद के लिए गेंहू को तैयार करती है. वहीं महिलाएं गंगा जल में गेहू को धोने के बाद धूप में सुखाती है और फिर उससे खरना और छठ पूजा का प्रसाद तैयार किया जाता है. राजधानी पटना में बड़ी संख्या में महिलाएं गेंहू को धोने के बाद उसे सूखा रही है. पटना में आज से छठ पूजा नहाय-खाय के साथ शुरू हो गई है. इस पर्व पर श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में स्नान किया. एक महिला ने बताया कि आज नहाय-खाय के साथ छठ पूजा शुरू हो गई है. आज से जो लोग छठ पूजा करते हैं उनके व्रत शुरू हो जाते हैं. घाटों पर लोगों की भीड़ भी दिखाई दे रही है.
महापर्व के दूसरे दिन श्रद्धालु दिन भर बिना जलग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करते हैं और उसके बाद एक बार ही दूध और गुड़ से बनी खीर खाते हैं और जब तक चांद नजर आए तब तक पानी पीते हैं. इसके बाद से उनका करीब 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है. लोक आस्था के इस महापर्व के तीसरे दिन व्रतधारी अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को नदी और तालाब में खड़े होकर प्रथम अर्घ्य अर्पित करते है.
व्रतधारी डूबते हुए सूर्य को फल और कंदमूल से अर्घ्य अर्पित करते हैं. महापर्व के चौथे और अंतिम दिन फिर से नदियों और तालाबों में व्रतधारी उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देते हैं. भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत समाप्त होता है और वे अन्न ग्रहण करते हैं.
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
8 नवंबर को नहाय खाय – यह छठ पूजा का पहला दिन होता है, इस दिन नहाय खाय होता है. इस वर्ष नहाय-खाय आठ नवंबर (सोमवार) को है. इस दिन सूर्योदय छह बजकर दो मिनट पर और सूर्यास्त पांच बजकर चार मिनट पर होगा.
9 नवंबर को खरना – खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है. यह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. इस दिन सूर्योदय छह बजकर तीन मिनट पर और सूर्यास्त पांच बजकर चार मिनट पर होगा.
10 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य – इस दिन ही छठ पूजा होती है. इस दिन शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सूर्यादय छह बजकर तीन मिनट पर और सूर्यास्त पांच बजकर तीन मिनट पर होगा.
11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य – छठ पूजा का अंतिम दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होती है. इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया जाता है. उसके बाद पारण कर व्रत को पूरा किया जाता है. इस दिन सूर्योदय छह बजकर चार मिनट पर और सूर्यास्त पांच बजकर तीन मिनट पर होगा.
संजय कुमार और विशाल भारद्वाज की रिपोर्ट