द एचडी न्यूज डेस्क : बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रहा है. कोरोना संकट के बीच अनलॉक वन का फेज शुरू हो गया है. कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच इंडियन रेलवे लगातार ट्रेनों की संख्या को बढ़ा रहा है. संक्रमण से बचाव के लिए सिर्फ कन्फर्म टिकट पाने वाले यात्रियों को ही रेल में यात्रा करने की इजाजत है.
कोरोना को देखते हुए रेलवे ने रिजर्वेशन टिकट के फॉर्म में बदलाव किए हैं. जिसके बाद अब यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी पूरी डिटेल देनी होगी. इसमें मकान नंबर से लेकर गली नंबर तक शामिल है. आप रिजर्वेशन काउंटरों से टिकट लें या IRCTC की वेबसाइट या ऐप से आपकों हर जगह ये जानकारी किसी भी हाल में देनी ही होगी. तभी आपको ट्रेन से यात्रा करने की इजाजत होगी. रिजर्वेशन टिकट के फॉर्म में अब यात्रियों को अपनी पूरी डिटेल देनी होगी. इसमें मकान नंबर से लेकर गली नंबर तक शामिल है.
इसके बाद लोगों में संशय है कि इतना बड़ा फॉर्म भरने में देरी होगी और तब तक टिकटें खत्म हो जाएंगी या दलाल उन पर कब्जा कर लेंगे. रेलवे ने सफाई दी कि एक फॉर्म भरने में 70 सेकंड से ज्यादा नहीं लगेंगे. दरअसल राज्यों ने कोरोना के बढ़ते मामले देखते हुए लोगों के पलायन से जुड़े आंकड़े साझा करने का अनुरोध किया था.
रेल यात्रियों को टिकट के कैंसिलेशन और किराया के रिफंड का नियम 2015 लागू है. कन्फटर्म टिकट पर डिपार्चर से चार घंटे पहले टिकट रद्द नहीं कराने पर रेलवे आपको कोई रिफंड नहीं देता. अगर आपके पास कन्फ र्म टिकट है और इसे रद्द कराना चाहते हैं तो डिपार्चर से चार घंटे पहले टिकट रद्द कराने पर ही रिफंड मिलेगा. अगर किसी वजह से ट्रेन ही कैंसिल हो जाती है तो नियमों के मुताबिक आपको रेल टिकट पर पूरा रिफंड मिलता है. आप ट्रेन के डिपार्चर टाइम से तीन दिनों के अंदर की अवधि तक रिफंड ले सकते हैं.