PATNA : छठ महापर्व सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था का प्रतीक है.यह फिर बिहार में ही नहीं बल्कि बहुत से राज्यों में मनाया जाता है। परंपरा के मुताबिक वर्ष में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है। कार्तिक मास में छठ पर्व और चैत्र माह में भी छठ पर्व धूमधाम से मनाते हैं. इसी कड़ी में आज -चार दिनों तक चलने वाला लोकआस्था का महापर्व चैती छठपूजा के अंतिम दिन सभी छठव्रती गंगाघाट पहुँचकर स्नान की।
साथ ही घण्टो तप कर भगवान सूर्य और छठी मैया का आराधना करते हुए देश-प्रदेश परिवार और समाज की मंगल कामना किया। गौरतलब है कि ,छठव्रत लोकआस्था का महापर्व है जँहा सभी छठव्रती 36 घण्टा निर्जला रहक़र इस व्रत को पूरा करने का छठी मैया और भगवान सूर्य से आराधना करते है।वहीं इस पारम्परिक प्रकृति की छठपूजा को देखने के लिए कई राज्यो से लोग बिहार पहुंचे है।
बताया कि ,25 मार्च को नहाय खाय के साथ पर्व की शुरुआत हुई है. 26 मार्च को खरना पूजन किया गया. जिसके बाद छठ व्रती महिलाएं अगले 36 घंटे तक निर्जला उपवास करती हैं। वहीं 27 मार्च को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. और 28 मार्च को घाट पर उगते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा. इसके साथ ही आज चैती छठ पर्व समाप्त हो गया . बता दें छठ पर्व में प्रसाद के रूप में मुख्य रूप से ठेकुआ चढ़ाया जाता है. साथ ही सूर्य देव को फल भी अर्पित किया जाता है।
पटना से अनिल कुमार की रिपोर्ट