पटना : जाड़े के आगमन के साथ ही ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हाल यह है कि कई अस्पतालों में मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गयी कि न्यूरो आइसीयू में बेड नहीं मिल रहे हैं. राज्य में सुपर स्पेशियलिटी इलाज के सबसे बड़े सेंटर आइजीआइएमएस के न्यूरो आइसीयू के सभी बेड फुल हो चुके हैं. यहां न्यूरो आइसीयू में 24 बेड हैं और सभी ब्रेन हेमरेज के मरीजों से भरे हुए हैं. यहां रोजाना चार से आठ ब्रेन हेमरेज मरीज पहुंच रहे हैं. यहां के न्यूरो मेडिसिन वार्ड में 36 बेड हैं, इनमें से ज्यादातर पर ब्रेन हेमरेज के मरीज ही भर्ती हैं. यहां नये आने वाले मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है.

ठंड बढ़ने के बाद से ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी
अस्पताल प्रशासन का दावा है कि दो दर्जन से ज्यादा मरीज यहां भर्ती होने के लिए कतार में हैं. ऐसे में हर रोज मरीज और उनके परिजन यहां पहुंच कर लौट रहे हैं. कुछ यही स्थिति पीएमसीएच और एनएमसीएच में भी है. पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी कहते हैं कि ठंड बढ़ने के बाद से हमारे यहां भी ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है.

ब्रेन हेमरेज का यह है मुख्य कारण, इससे बचे
पीएमसीएच के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. गुंजन कुमार बताते हैं कि ठंड में हर वर्ष ब्रेन हेमरेज के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. इसका मुख्य कारण ब्लड प्रेशर या बीपी है. ठंड में बीपी का तेजी से उतार-चढ़ाव होता है, जो कि ब्रेन हेमरेज का कारण बनता है. इससे नस फटने का खतरा रहता है. इसलिए बीपी के मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है. वे कहते हैं कि ब्रेन हेमरेज आमतौर पर रात के समय या अहले सुबह होता है. इसका खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जो बीपी के मरीज तो हैं, लेकिन अपनी दवा छोड़ देते हैं या समय से नहीं लेते.