मुंगेर में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पीरपहाड पर लगभग 40 सालों से विस्थापित लोग बसे हुए है। लगभग 40 वर्षो पूर्व गंगा के कटाव के कारण तौफिर एवं टीकापुर दियारा के लोग मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पीरपहाड पर आकर बस गए थे। चमकलाल यादव विस्थापित कि माने तो इन लोगों को जमीन्दार के वारिश सिंटू ने इन्हें पहाड़ पर बसाया था।
इसी पीरपहाड पर राजा मीर कासिम के सिपाहसलार गुरगिन खाँ कि हवेली है जो एक ऐतिहासिक धरोहर होने के बावजूद प्रशासनिक उदासीनता की शिकार है। खासबात यह है कि इसे किसी ने बेच दिया है। इतना ही नहीं इस महल में रहकर देश के प्रसिद्ध कवि रविन्द्रनाथ टैगोर ने गीतांजलि कि कुछ पंक्तियां भी लिखी थी। उस महल को लेने वाले व्यक्ति ने उस महल के साथ साथ पूरे पीरपहाड पर ही अपना कब्जा जताना शुरू कर दिया है और 40 वर्षो से बसे विस्थापितो को स्थानीय थाना की पुलिस के सहयोग से उन्हें उजड़ने की कोशिश लगातार हो रही है।
लोगों का कहना है कि उन्हें इलाका खाली कराने के लिए लगातार धमकियां मिल रही है। हथियार के साथ गुंडे आए दिन मारपीट करते रहते हैं। परेशान लोगों को जब थाने से मदद नहीं मिली तो लोगों ने डीआईजी से इंसाफ का गुहार लगाया है।
इम्तियाज खान की रिपोर्ट