किन्नौर : हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में बुधवार को जो भयंकर लैंडस्लाइड के कारण हादसा हुआ, उसमें अबतक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. बीते दिन से ही कई एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. बस का मलबा भी मिल गया है, करीब 14 लोगों को बचाया गया है. लेकिन अभी भी कई लोगों की तलाश की जा रही है.
बुधवार दोपहर को करीब 12 बजे जब ये हादसा हुआ तब किन्नौर जिले में निगुलसरी के पास सड़क से गुजर रहे कई वाहन इसकी चपेट में आ गए. पहाड़ से पत्थर गिरने के कारण मलबे में बस, कार, ट्रक दब गए. इसी मलबे के कारण बस गहराई में जा गिरी, लेकिन गनीमत की बात ये रही कि नीचे सतलुज नदी में जाने से बच गई. हालांकि, मलबे के नीचे दबी एक टाटा सुमो गाड़ी में मौजूद सभी 8 लोगों की मौत हो गई.
जानकारी के मुताबिक, आईटीबीपी को गुरुवार तड़के ही बस का मलबा दिखाई पड़ा. ये सड़क से करीब 500 मीटर नीचे थे, लेकिन सतलुज नदी से करीब 200 मीटर ऊपर था. मलबे के पास से ही आईटीबीपी को एक शव भी बरामद हुआ था. अभी भी अन्य लोगों की तलाश की जा रही है, क्योंकि पहाड़ से पत्थर लगातार गिर रहे थे इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई. कितना भयावह था ये हादसा?
बता दें कि इस हादसे में एक ट्रक, एक राज्य रोडवेज बस और अन्य वाहन राज्य की राजधानी से लगभग 180 किलोमीटर दूर, निगुलसारी के पास शिमला-रिकांग पियो राजमार्ग पर 60 से 70 मीटर की दूरी के बीच हुए भूस्खलन में दब गए थे. आईटीबीपी के लिए मुश्किल ये भी है कि इलाका वास्तव में कठिन है. पत्थरों का गिरना एक बड़ी चिंता है और बचाव अभियान में इससे बाधा आ रही है. आईटीबीपी के अलावा, स्थानीय अधिकारी, सेना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) बचाव कार्यों में शामिल हैं.
दरअसल, हिमाचल सड़क परिवहन निगम की बस रिकांग पियो से शिमला होते हुए हरिद्वार जा रही थी. लापता बस यात्रियों के रिश्तेदारों ने उनके ठिकाने के बारे में जानने के लिए स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया है, ज्यादातर पीड़ित आसपास के गांवों के हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.