द एचडी न्यूज डेस्क : राजधानी पटना में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आते ही घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए सौदा होने लगा है. जबतक पैसे की वसूली नहीं हो जाती शव को हाथ नहीं लगाया जाता है. पटना के गुलबी घाट में खुलेआम मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर तीन सौ रुपए की अवैध वसूली की जा रही है. नगर निगम के कर्मचारी बिना किसी डर भय के मृतक के परिजन से पैसा की उगाही कर रहे हैं.
पटना के गुलबी घाट स्थित नगर निगम के कार्यलय में तैनात कर्मी इलेक्ट्रिक से शव जलाने के लिए छह सौ रुपए वसूल रहे हैं और तीन सौ का रसीद दिया जा रहा है. तीन सौ रुपया मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए वसूला जा रहा है. राजधानी में अभी मौत का आंकड़ा कम है लेकिन सौदेबाजी दूसरी लहर की तरह हो रही है. गुलबी घाट में हर दिन 50 से ज्यादा शव का दाह संस्कार किया जाता है. अगर 40 शवों का मृत्यु प्रमाण के लिए रजिस्ट्रेशन होता है तो एक दिन मे बारह से पंद्रह हजार रुपए की अवैध बसूली होती है.
आपको बता दें कि पूरे महीना का हिसाब लगाया जाए तो तीन लाख रुपए से ज्यादा की वसूली सिर्फ गुलबी घाट में होती है. इसी तरह पटना के श्मशान घाट पर अवैध वसूली नहीं हो, इसके लिए लकड़ी से लेकर नाई-पंडित तक का रेट नगर निगम ने तय किया है. दाह संस्कार के लिए घाटों पर नई रेट लिस्ट जारी की जा चुकी है. नगर निगम दावा करती है कि घाटों पर अब शव का सौदा नहीं होगा. लेकिन निगम यह दावा फेल है.
निगम कर्मचारी मृतक के परिजनों से कहते हैं कि तीन सौ दीजिए और अमुक तारीख को आकर मृत्यु प्रमाण पत्र ले जाइए. अगर आप निगम के ऑफिस में जाएंगे तो आपका खर्च बढ़ जाएगा. मृतक के परिजन भी परेशानी और भागदौड़ से बचने के लिए तीन सौ का चढ़ावा चढ़ा कर अपने घर लौट जाते हैं. वहीं कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पटना की जनता ने शमशान घाटों पर खूब फजीहत झेला है.
अन्नु प्रकाश की रिपोर्ट