पटना : आज ही के दिन यानि 27 अक्टूबर को आठ साल पहले 2013 में पटना के गांधी मैदान में आतंकियों ने खूनी खेल खेला था और आज इस मामले में ठीक आठ साल बाद पटना के स्पेशल कोर्ट ने मामले के आरोपियों को दोषी करार दिया है. इस मामले में एनआईए ने 11 लोगो को आरोपी बनाया था जिनमे से 1 नाबालिग था जिसका ट्रायल जुबेनाइल कोर्ट में चल रहा है जबकि एक को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है जबकि 9 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना है. जिनको 1 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी.
पटना के सिविल कोर्ट में स्थित एनआईए के स्पेशल कोर्ट में आज गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामले में आरोपियों को सजा सुनाई गई. आज कोर्ट ने दस में से 9 को मामले में दोषी करार दिया है जबकि एक फखरुद्दीन को साक्ष्य के अभाव में बरी किया है. जिन को दोषी करार दिया गया है उनमें हैदर अली, नोमान अंसारी, मो मुजीबुल्लाह अंसारी, उमर सिद्दिकी, अजहरुद्दीन कुरैसी, अहमद हुसैन, मोहम्मद फिरोज आलम, मोहम्मद इफ्तिखार आलम व इम्तियाज अंसारी शामिल हैं। एनआईए ने इस मामले में वर्ष 2014 में आरोप पत्र समर्पित किया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए कुल 187 गवाहों को पेश किया था” इन सभी को 1 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी.
इससे पहले 6 अक्टूबर 2021 को इस मामले में अंतिम बहस की सुनवाई पूरी करने के बाद विशेष जज ने अपना निर्णय सुनाने के लिए आज की तिथि निश्चित की थी. दरअसल पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को भाजपा की हुंकार रैली आयोजित थी. इस रैली के मुख्य वक्ता तत्कालीन गुजरात के सीएम और आज के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे. इसी रैली को टारगेट करके आतंकियों ने इस घटना की साजिश रची थी और पटना स्टेशन से लेकर गांधी मैदान तक एक के बाद एक सीरियल धमाके किए थे. इसमें कुल 10 लोगों की मौत हो गयी थी और सैकड़ों लोग घायल हो गये थे. उस दिन पटना जंक्शन पर भी विस्फोट हुआ था. आतंकी की गलती से मानव बम जंक्शन के शौचालय में फट गया था. कहा गया था कि मानव बम द्वारा पीएम उम्मीदवार रहे वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के वाहन उड़ाने की साजिश थी.इस घटना के बाद गांधी मैदान व पटना रेल थाने में केस दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में केस को एनआइए को सौंप दिया गया था. गौरतलब है कि विस्फोट के बाद भी नरेन्द्र मोदी ने रैली को संबोधित किया था.
आपको बता दें कि धर्मनाथ उर्फ धर्मा कुली जिसने 27 अक्टूबर 2013 को पटना जंक्शन पर एक आतंकी इम्तियाज़ को पकड़ा था. वहीं घटना के दिन सबसे पहला ब्लास्ट पटना जंक्शन के 10 नंबर प्लेटफॉर्म पर स्थित शौचालय में हुआ था. जहां मानव बम बने आतंकी के परखच्चे उड़ गए थे. उस वक़्त उसके साथ इम्तियाज भी था जो भागने लगा था जिसे वहां मौजूद धर्मा कुली ने पकड़ लिया था और उसे जीआरपी के हवाले कर दिया था. इसी इम्तियाज के बयान के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ था.
संजय कुमार की रिपोर्ट